चीन का वुहान अक्टूबर में ही कहा जाने जगा था 'भूतहा शहर', आखिर क्यों
खिलाड़ियों का कहना है कि उस दौरान भी वुहान शहर एकदम सुनसान पड़ा हुआ था, जो कि अपने में अजीबोगरीब बात है। लग्जमबर्ग के एक खिलाड़ी Oliver Gorges के मुताबिक वुहान शहर इतना सुनसान था कि लोग आपस में इसे भूतहा शहर (ghost town) कहते थे।
नई दिल्ली: कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए दुनियाभर में लॉक डाउन जारी है। सोशल डिसटेंसिंग का पालन किया जा रहा है। दुनिया में संक्रमितों की संख्या लगभग 50 लाख पहुंचने जा रही है। कई देशों को चीन (China) और World Health Organisation (WHO) की भूमिका संदिग्ध लग रही है। इसकी स्वतंत्र जांच की बात भी तय हो चुकी है। इसी बीच एक रिपोर्ट में ये सामने आया है कि वायरस अक्टूबर में ही चीन में अपना प्रकोप शुरू कर चुका था। शुरुआत में ये सुप्तावस्था में था, जिसने दिसंबर से अपना असर दिखाना शुरू किया।
स्टडी में सामने आई चौकानें वाली बात
वायरस पर पड़ताल कर रही एक मेडिसिन एजेंसी में ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। इसके मुताबिक कोविड-19 को लोग दिसंबर महीने से ही आने का संकेत मान रहे हैं, जबकि ये अक्टूबर के दौरान ही शहर में फैलने लगा था। यूनिवर्सिटी ऑफ बार्सेलोना के वैज्ञानिकों ने ये रिसर्च की। इसके शोधकर्ता मार्क लोपेज और जॉर्डि सेरा-कॉबो का मानना है कि सुप्तावस्था से एकाएक सक्रिय होने और महामारी बनने के पीछे कई सामाजिक और जैविक कारण हैं। जैसे उस दौरान चीन के वुहान में एक काफी बड़ा आयोजन हुआ।
सामाजिक और जैविक कारण
मिलिट्री वर्ल्ड गेम नामक इस प्रोग्राम में दुनियाभर की मिलिट्री से खिलाड़ी शामिल हुए। इस दौरान तरह-तरह के खाने की जरूरत और मांग काफी बढ़ी। इसे पूरा करने के लिए वुहान के वेट मार्केट (जहां मांस और फल-सब्जियां साथ-साथ मिलती हैं) के व्यापारी गोदामों में जिंदा और मुर्दा जानवर एक साथ रखने लगे। इससे संक्रमित जानवर (जो चमगादड़ माना जा रहा है) से वायरस हर जगह तेजी से फैलता चला गया।
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चाइनीज न्यू ईयर ईयर के दौरान छुट्टियां बिताने से फैला
इसी बीच चाइनीज न्यू ईयर ईयर (Chinese New Year) भी आया। तब इस दौरान संक्रमित लोग छुट्टियां बिताने के लिए दुनियाभर में फैल चुके थे। इस तरह से संक्रमण दुनिया के कोने-कोने में पहुंच गया। वैसे बता दें कि वायरस का केंद्र तो वुहान माना जा रहा है लेकिन अब तक ये साफ नहीं हुआ है कि इसकी वजह जानवर या लैब में हुई कोई लापरवाही। स्टडी में भी इसका इशारा मिलता है कि वायरस चमगादड़ या छिपकली जैसे किसी वाइल्ड एनिमल से लेकर लैब की दुर्घटना के कारण भी फैला हुआ मान सकते हैं, जब तक कोई प्रमाण न मिल जाए।
यहां समझिये वायरस की सुप्तावस्था
इसे समझने के लिए वायरस की संरचना को समझना जरूरी है। असल में वायरस का अपना कोई कोशिकीय तंत्र नहीं होता। ये प्रोटीन के भीतर डीएनए या आरएनए का स्ट्रैंड होता है। इसकी बाहरी प्रोटीन की परत पर नुकीली संरचना होती है, जो इंसानी शरीर में घुसकर उसकी कोशिका से जुड़ने में मदद करती है। जब तक वायरस को होस्ट सेल नहीं मिलती है, वे सुप्तावस्था में रहते हैं यानी चुपचाप पड़े रहते हैं लेकिन जैसे ही ये किसी कोशिका के भीतर घुसते हैं, एक्टिव हो जाते हैं और अपनी कॉपीज बनाने लगते हैं। वायरस के एक्टिव होने को lytic stage कहते हैं।
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कई विदेशी खिलाड़ी कोरोना लेकर अपने देश लौटे
सिर्फ वैज्ञानिक ही नहीं, अब अक्टूबर में वुहान पहुंचे विदेशी खिलाड़ी भी कह रहे हैं कि वे उस दौरान बीमार पड़े थे। World Military Games के दौरान 100 देशों से 10000 खिलाड़ी आए थे। इनमें से कई अपने देश लौटकर कोरोना संक्रमित पाए गए। फ्रेंच खिलाड़ी Elodie Clouvel ने आरोप लगाया कि वो और उनका पार्टनर दोनों ही खेल के दौरान कोरोना संक्रमित हो चुके थे। यही बात एक इटालियन खिलाड़ी Tagliariol ने भी कही कि खेल के दौरान उनके आसपास के सारे विदेशी खिलाड़ी बीमार लग रहे थे और सबके लक्षण वर्तमान कोविड-19 जैसे थे।
कोई भी नागरिक बाहर नहीं निकलता था
एक इंटरव्यू में जर्मन खिलाड़ी Jacqueline Bock ने कहा कि वे और उनके साथी वुहान में अपने आखिरी दो दिनों में ही बीमार पड़ गए थे। सारे लक्षण कोरोना के थे। खिलाड़ी का कहना है कि उनके जर्मनी लौटने के कुछ दिनों बाद ही उनके पिता को भी उसी तरह की सर्दी-बुखार ने जकड़ लिया। चीन का दावा है कि दिसंबर में कोरोना के मामले आने शुरू हुए।
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एक तरफ World Military Games के आयोजन के समय वुहान शहर एकदम सुनसान
वहीं खिलाड़ियों का कहना है कि उस दौरान भी वुहान शहर एकदम सुनसान पड़ा हुआ था, जो कि अपने में अजीबोगरीब बात है। लग्जमबर्ग के एक खिलाड़ी Oliver Gorges के मुताबिक वुहान शहर इतना सुनसान था कि लोग आपस में इसे भूतहा शहर (ghost town) कहते थे और अफवाहें उड़ने लगी थीं कि शायद सरकार ने किसी वजह से अपने नागरिकों को घर में रहने के आदेश दिए हैं।