तबाही रोकेंगी 10 वैक्सीन: दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचेगी, बस लगेगा इतना समय

कोरोना वायरस को लेकर वैज्ञानिकों की टीमें लगभग 50 ऐसी वैक्सीन पर काम कर रही हैं जो अलग-अलग स्तर पर पहुंच चुकी हैं। इनमें से कुछ अपने लक्ष्य के बहुत पास हैं। मतलब कि फेज-3 ट्रायल दूसरे शब्दों में बोले तो ह्यूमन ट्रायल यानी इंसानों पर परीक्षण कहते हैं।

Update: 2020-11-17 07:28 GMT
कोरोना वायरस को लेकर वैज्ञानिकों की टीमें लगभग 50 ऐसी वैक्सीन पर काम कर रही हैं जो अलग-अलग स्तर पर पहुंच चुकी हैं।

नई दिल्ली: दुनियाभर में कोरोना वायरस का कहर अभी भी जारी है। ऐसे में लोगों को इस समय जरूरत है सही और सटीक इलाज की। मिली जानकारी के मुताबिक, अभी हाल में दवा बनाने वाली दो कंपनियों ने ये दावा किया है कि वो बहुत जल्द अपनी कोविड-19 वैक्सीन को बाजार में ले आएंगें। जिससे आपातकालीन स्थिति में उनका उपयोग कोरोना के मरीज के लिए कर सकें। बता दें कि पूरी दुनिया में कोरोना वायरस कोविड-19 की वैक्सीन के लिए वैज्ञानिकों का लगातार प्रयास जारी है। वैक्सीन के लिए वैज्ञानिकों की लगभग 100 टीमों जुटी हुई हैं।

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ह्यूमन ट्रायल

वैज्ञानिकों की टीमें लगभग 50 ऐसी वैक्सीन पर काम कर रही हैं जो अलग-अलग स्तर पर पहुंच चुकी हैं। इनमें से कुछ अपने लक्ष्य के बहुत पास हैं। मतलब कि फेज-3 ट्रायल दूसरे शब्दों में बोले तो ह्यूमन ट्रायल यानी इंसानों पर परीक्षण कहते हैं। आइए आपकों बताते हैं कि इन वैक्सीन के बारे में कि ये कहां बन रही है।

फोटो-सोशल मीडिया

CoronaVac (Sinovac): ये चीन की दवा कंपनी साइनोवैक फार्मास्यूटिकल है। जिसने ये वैक्सीन बनाई है। ये इनएक्टीवेटेड वैक्सीन (फॉर्मेलीन और एलम एडजुवेंट) आधारित इलाज पद्धत्ति पर बनाई गई है।

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मॉडर्ना mRNA-1273 (Moderna mRNA-1273): बता दें, ये वैक्सीन भी mRNA इलाज पर आधारित है। बता दें, वैक्सीन को दवा कंपनी मॉडर्ना बना रही है। इसका फेज-3 का ट्रायल कैसर पर्मानेंटे वॉशिंगटन हेल्थ रिसर्च इंस्टीट्यूट में हुआ है।

फाइजर बीएनटी162 (Pfizer-BNT162): कोरोना की ये वैक्सीन कैंडिडेट mRNA आधारित वैक्सीन है। इसे दवा कंपनी फाइजर और बायोएनटेक मिलकर बना रही हैं। इसका फेज-3 का ट्रायल यूरोप और उत्तरी अमेरिका के विभिन्न शहरों में हो चुका है।

फोटो-सोशल मीडिया

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चीनी कंपनी

Ad5-nCoV (CanSino Biologics): वायरस की इस वैक्सीन को चीन ने विकसित किया है।

AZD1222 (Oxford University/AstraZeneca/SII): इसे ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया इसे मिलकर बना रही हैं। इसका भी फेज-3 का ट्रायल पूरा हो चुका है।

Covaxin (Bharat Biotech/National Institute of Virology): भारतीय दवा कंपनी भारत बायोटेक इस वैक्सीन को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के साथ मिलकर बना रही है। इसका भी फेज-3 ट्रायल चल रहा है।

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