लॉकडाउन तोड़ा तो होगा बुरा हाल, यहां पुलिस नहीं सड़कों पर तैनात हैं रोबोट
उत्तरी अफ्रीकन देश में ये रोबोट लगातार पेट्रोलिंग करते हैं और अगर कोई भी व्यक्ति पर सड़कों पर घूमता हुआ नजर आता है तो ये रोबोट उनसे सख्ती के साथ पूछताछ करते हैं।
नई दिल्ली: कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले रखा है। वहीं कोरोना को फैलने से रोकने के लिए कई देशों में लॉकडाउन लगाया गया है। देश में लॉकडाउन का पालन सही से हो सके इसलिए भारत समेत कई देशों में पुलिस को मुस्तैद किया गया है।
लॉकडाउन का पालन करवाने के लिए रोबोट हैं तैनात
लेकिन एक ऐसा भी देश है, जहां पर लॉकडाउन का पालन करवाने के लिए सड़कों पर पुलिस को नहीं बल्कि रोबोट को तैनात किया गया है। उत्तरी अफ्रीकन देश में ये रोबोट लगातार पेट्रोलिंग करते हैं और अगर कोई भी व्यक्ति पर सड़कों पर घूमता हुआ नजर आता है तो ये रोबोट उनसे सख्ती के साथ पूछताछ करते हैं।
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क्या है इन रोबोट का काम?
इसके बाद रोबोट का काम होता है राहगीर की आईडी के साथ इस रिपोर्ट को पुलिस कंट्रोल रुम भेजना। देश में कोरोना का संक्रमण न फैले इसलिए ट्यूनीशिया इस तरह कदमों को उठा रहा है और इन्हीं कदमों का नतीजा है, जो वहां पर अब तक कोरोना के 553 मामले पाए गए हैं। ट्यूनीशिया के इस कदम से कई देश भी काफी प्रभावित हुए हैं।
सख्ती के साथ करवा रहे लॉकडाउन का पालन
बता दें कि ट्यूनीशिया में 17 मार्च से ही लॉकडाउन किया गया है और लॉकडाउन का ये तीसरा हफ्ता चल रहा है। यहां पर 19 अप्रैल तक लॉकडाउन जारी रहेगा। इस दौरान केवल जरुरी ही सेवाएं चालू हैं और लोगों को इन्हीं के लिए अपने घरों से बाहर निकलने की अनुमति दी गई है। यहां पर पुलिस के बजाए रोबोट सभी से लॉकडाउन का सख्ती के साथ पालन करवा रहे हैं।
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थर्मल इमेज कैमरा और लाइट डिटेक्शन तकनीक से लैस
पी-गार्ड्स के नाम से इन रोबोट्स को पेट्रोलिंग पर लगाया गया है। ये रोबोट 4 पहियों के साथ एक थर्मल इमेज कैमरा और लाइट डिटेक्शन तकनीक से लैस हैं, जो कि सड़क पर आ जा रहे किसी भी शख्स की तुरंत फोटो ले लेता है। इससे कोई भी इन रोबोट से बचकर नहीं जा पाता है। इसके बाद ये रोबोट राहगीर के पास जाकर उनकी आईडी की मांग करते हैं और उसके बाद जांच के लिए ये तस्वीर कंट्रोल रुम में भेजी जाती है।
रोबोट को तैनात करने के हैं कई फायदे
पुलिस की जगह रोबोट को तैनात करने के कई सारे फायदे हैं। जैसे इस कदम से इंसान का इंसान से संपर्क नहीं होगा, जिससे कोरोना के फैलने की संभावना कम होगी। इसके अलावा एक फायदा ये भी है कि लोग पुलिस के बजाए रोबोट से ज्यादा डर रहे हैं। ट्यूनीशिया में लॉकडाउन की शुरुआत में पहले पुलिस और सेना की तैनाती की गई थी। लेकिन बाद में कोरोना के संक्रमण को फैलने के रोकने के लिए पुलिस और सेना को हटाकर रोबोट को तैनात कर दिया गया।
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चीन के वुहान में भी तैनात हैं रोबोट
बता दें कि ट्यूनीशिया के अलावा फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए बहुत से देश रोबोट्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। चीन के वुहान में भी महीने भर पहले एक हॉस्पिटल में रोबोट्स को अलग-अलग कामों के लिए तैनात किया गया। ये रोबोट वहां पर फ्लोर और कमरों को संक्रमण रहित बनाने के साथ-साथ दवाइयां मरीजों तक पहुंचाने, मरीजों का बुखार नापने, हार्ट रेट देखने और ब्लड ऑक्सीजन लेवल जांचने जैसे काम के लिए तैनात हैं।
भारत में भी चल रहा ह्यूमनॉइड रोबोट पर ट्रायल
वहीं अगर भारत की बात की जाए तो जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में ह्यूमनॉइड रोबोट पर ट्रायल चल रहा है। ट्रायल कर देखा जा रहा है कि रोबोट मरीजों को दवाएं देने या सफाई का काम कितनी अच्छी तरह से कर सकते हैं। इनका ट्रायल अगर सफल होता है तो उन्हें कोरोना से संक्रमित लोगों की देखभाल में लगाया जा सकता है। इसके अलावा केरल में भी इसी तरह का ट्रायल किया जा रहा है, जिससे उन्हें आइसोलेशन वार्ड में मरीजों की मदद के लिए रखा जा सके। चेन्नई में भी Stanley Medical College and Hospital में रोबोट की मदद लेने की योजना तैयार की जा रही है। यहां पर रोबोह्यूमन का पहला ट्रायल सफल भी हो चुका है।
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