कोरोना वैक्सीन: इन देशों में दिन-रात चल रहा काम, जानें कब आएंगी और क्या होगी कीमत

Update: 2020-08-24 11:46 GMT
रूस ने दूसरी वैक्सीन बना लेने का दावा करके पूरी दुनिया को चौंका दिया है। उसने दुनिया की पहली वैक्सीन बनाने का श्रेय भी रूस ने ले लिया है।

नई दिल्ली: कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में कहर बरपा रखा है। अमेरिका, भारत समेत कई बड़े मुल्क बुरी तरह से इस वायरस की चपेट में आ गये हैं।

बढ़ते खतरे को देखते हुए तमाम देशों में कोरोना की वैक्सीन बनाने का काम शुरू कर दिया है। उम्मीद की जा रही है कोरोना की वैक्सीन जल्द ही बाजार में उपलब्ध होगी।

कुछ देश ऐसे भी हैं जो वैक्सीन बनाने के काम में आगे निकल गये हैं। पूरी दुनिया उनकी तरह उम्मीद की नजर से देख रही हैं। तो आइये आज हम आपको कुछ ऐसे ही देशों और वहां पर बनने वाली वैक्सीन की कीमतों के बारे में बता रहे हैं।

सबसे पहले बात मैसाचुसेट्स स्थित बायोटेक कंपनी की करते हैं। कोरोना की वैक्सीन बनाने के लिए मैसाचुसेट्स स्थित बायोटेक कंपनी ने अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ से हाथ मिलाया है। दोनों मिलकर एक नए तरीके की वैक्सीन पर काम कर रहे है।

यदि इसे मंजूरी मिलती है तो mRNA-1273 अपने तरह की पहली वैक्सीन होगी। बताया जा रहा हा कि इस वैक्सीन की कीमत 32-37 डॉलर (2,388- 2,761 रुपए) होगी।

कोरोना वायरस की वैक्सीन की फाइल फोटो

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ये देश हैं वैक्सीन बनाने में सबसे आगे

जर्मन बायोटेक कंपनी और न्यूयॉर्क स्थित फाइजर कम्पनी इस समय कोरोना वैक्सीन पर मिलकर काम कर रही है। फाइजर ने अमेरिकी सरकार के साथ लगभग 195 करोड़ वैक्सीन की आपूर्ति करने का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया है।

ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि इस वैक्सीन को अक्टूबर 2020 तक रेगुलेटरी मंजूरी मिल जाएगी। इस वैक्सीन की कीमत 19।50 डॉलर (1454 रूपए) तक रखी गई है।

ऑक्सफोर्ड ने कोरोना वैक्सीन के लिए एस्ट्राजेनेका के साथ हाथ मिलाया है। दोनों मिलकर ChAdOx1 nCoV-19 वैक्सीन पर काम कर रहे हैं।ये वैक्सीन अपने फाइनल स्टेज के ट्रायल में है। अगर ये वैक्सीन सफल होती है तो उम्मीद की जा रही है कि ये सितंबर के महीने तक लोगों के लिए उपलब्ध होगी। इस वैक्सीन की कीमत 4 डॉलर (297 रूपए) होने का अनुमान है।

चाइना नेशनल बायोटेक ग्रुप और सिनोफार्म कंपनी की वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल अबू धाबी, यूएई में 15000 वालंटियर्स पर किया जा रहा है। कम्पनी के सीइओ का कहना है कि उसकी वैक्सीन दिसंबर तक बाजार में आ जाएगी। वैक्सीन की दो डोज के लिए 1000 युआन (10,853 रुपए) से कम देने होंगे।

सिनोवैक बायोटेक की कोरोनावैक वैक्सीन एक इनएक्टिवेटेड वैक्सीन है यानी ये वैक्सीन निष्क्रिय विषाणु पर आधारित है। इसके तीसरे चरण के ट्रायल के लिए 9000 लोगों की भर्ती की जा रही है, जिसमें ज्यादातर स्वास्थ्य सेवा से जुड़े हुए लोग होंगे। तीसरे चरण का ट्रायल ब्राजील में कई जगहों पर किया जाएगा। हालांकि अभी इसकी कीमत तय नहीं की गई है।

कोरोना वायरस की वैक्सीन की फाइल फोटो

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चीन ने सैनिकों पर इस्तेमाल की दी मंजूरी

चीन ने भी कोरोना वैक्सीन बनाई है Ad5-nCoV नाम की वैक्सीन को चीन में सैन्य इस्तेमाल की परमिशन मिल चुकी है। CanSinoBIO की ये वैक्सीन एडिनोवायरस आधारित वायरल वेक्टर तकनीक पर बनी है।

इसे बीजिंग इंस्टीट्यूट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी के सहयोग से बनाया गया है। 29 जून, 2020 को चीन के केंद्रीय सैन्य आयोग ने Ad5-nCoV को चीनी सेना में एक साल तक लगाने की परमिशन दे दी है।

भारत में भी कोरोना की वैक्सीन बनाने का काम चल रहा है। यहां की सीरम कंपनी के चेयरमैन साइरस पूनावाला का कहना है कि उसकी वैक्सीन की कीमत 1000 रूपए होगी लेकिन अगर सरकार चाहे तो वो अपनी नागरिकों को इसे मुफ्त में भी दे सकती हैं। जैसे ही वैक्सीन का तीसरा ट्रायल शुरू होगा, वैक्सीन बनाने का काम आरंभ हो जाएगा।

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