कोरोना वायरस को खत्म करेगा ये देश! बनाई दो वैक्सीन, परीक्षण शुरू

चीन से पनपे कोरोना वायरस के खात्मे के लिए कई देश वैक्सीन और दवाएं बनाने में जुटे हुए हैं। इसी कड़ी में इस महामारी से निपटने के लिए ऑस्ट्रेलिया भी वैक्सीन बना रहा है। ऑस्ट्रेलिया में कोरोना की दो वैक्सीन का परिक्षण भी शुरू हो गया है। माना जा रहा है कि ऑस्ट्रेलिया जल्द ही कोरोना की कारगर वैक्सीन बना लेगा।

Update: 2020-04-02 17:57 GMT

नई दिल्ली: चीन से पनपे कोरोना वायरस के खात्मे के लिए कई देश वैक्सीन और दवाएं बनाने में जुटे हुए हैं। इसी कड़ी में इस महामारी से निपटने के लिए ऑस्ट्रेलिया भी वैक्सीन बना रहा है। ऑस्ट्रेलिया में कोरोना की दो वैक्सीन का परिक्षण भी शुरू हो गया है। माना जा रहा है कि ऑस्ट्रेलिया जल्द ही कोरोना की कारगर वैक्सीन बना लेगा।

ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिक कर रहे कोरोना की दो वैक्सीन का परीक्षण

मिली जानकारी के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया में कॉमनवेल्‍थ साइंटिफिक एंड इंडस्‍ट्रियल रिसर्च आर्गेनाइजेशन (CSIRO) कोविड-19 के लिए वैक्सीन का परीक्षण कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि अब तक दो वैक्सीन का परीक्षण देश के वैज्ञानिकों से शुरू कर दिया है।

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कोरोना से निपटने के लिए इनोवेशंस के साथ पार्टनरशिप

CSIRO ने इसके लिए इनोवेशंस (CEPI) के साथ पार्टनरशिप की है। बता दें कि इनोवेशंस महामारियों को खत्‍म करने के लिए वैक्‍सीन को विकसित करता है।

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वायरस से बचने का एक मात्र तरीका वैक्सीन

इस बारे में ऑस्ट्रेलिया के स्वास्थ्य अधिकारियों का मानना है कि वायरस से बचने का एक मात्र तरीका वैक्सीन ही है। ऐसे में CSIRO के अलावा ऑस्‍ट्रेलियाई एनिमल हेल्‍थ लैब (AAHL) के वैज्ञानिक भी कोरोना से निजात के लिए वैक्सीन का अध्धयन कर रहे हैं।

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AAHL के डायरेक्‍टर प्रोफेसर ट्रेवर ड्रियू ने जानकारी दी कि उनकी लैब में जनवरी से ही SARS CoV-2 को स्टडी किया जा रहा है और जल्द ही इसके लिए वैक्सीन का टेस्ट भी किया जाएगा।

वैक्सीन के परीक्षण में लगेगा तीन महीने का समय

वैक्सीन को लेकर शोध में लगे रिसर्चर की माने तो वैक्सीन के परीक्षण में तीन महीने का समय लग सकता है। ये परीक्षण CSIRO के बायोसिक्‍योरिटी सुविधा AAHL में हो रहा है।

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