ट्रंप का बड़ा एलान: चीन के साथ नहीं करेंगे व्यापार, लगाए ये आरोप

अमेरिका के प्रेसिडेंट ट्रंप ने साफ-साफ कहा कि अमेरिका और चीन के रिश्ते गंभीर रूप से खराब हो चुके हैं। उन्होंने एकबार फिर कोरोना वायरस को लेकर चीन पर नाराजगी जताई है।

Update: 2020-07-12 06:40 GMT

नई दिल्ली: चीन के वुहान सिटी से पूरे विश्व के साथ अमेरिका में फ़ैल चुके कोरोना को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का रवैया अभी नरम नहीं हुआ है। अमेरिका चीन के खिलाफ लगातार सख्त होता जा रहा है। चीन और अमेरिका के बीच अभी व्यापार समझौता होने के आसार अभी दिख नहीं रहे हैं। अमेरिका के प्रेसिडेंट ट्रंप ने साफ-साफ कहा कि अमेरिका और चीन के रिश्ते गंभीर रूप से खराब हो चुके हैं। उन्होंने एकबार फिर कोरोना वायरस को लेकर चीन पर नाराजगी जताई है।

प्रेसिडेंट डोनाल्‍ड ट्रंप चीन पर लगाये ये आरोप

एक खबर के अनुसार, एयरफोर्स वन में प्रेसिडेंट डोनाल्‍ड ट्रंप ने साफ-साफ कहा कि अभी हम अमेरिका और चीन के बीच व्यापार समझौते के बार में नहीं सोच रहे हैं। प्रेसिडेंट डोनाल्‍ड ट्रंप चीन पर आरोप लगाते हुए कहा, 'वे प्लेग को रोक सकते थे, वे इसे रोक सकते थे, लेकिन उन्होंने इसे भी नहीं रोका।"

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जब अमेरिका और चीन ने जनवरी में अपने व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए थे तो वह पहला चरण था। इसके बाद दूसरे और तीसरे चरण में और भी महंगे डील होने की संभावना है। विश्व को दे आर्थिक शक्तियों के बीच अभी दूसरे और तीसरे चरण की बातचीत के लिए अभी तक कोई समय निश्चित नहीं की गई है।

कोरोना संक्रमण के कारण उपजे आर्थिक संकट

कोरोना संक्रमण के कारण उपजे आर्थिक संकट के कारण भी फेज वन के पहले चरण में हुए समझौतों के मुताबिक चीन के द्वारा अमेरिकी सामान के खरीदने के लक्ष्यों को पार करना मुश्किल दिख रहा है।

अमेरिकी चैंबर ऑफ कॉमर्स के कार्यकारी उपाध्यक्ष और अंतरराष्ट्रीय मामलों के प्रमुख म्योरोन ब्रिलियंट ने कहा, "जब तक पहले चरण को लागू नहीं किया जाता है और यूएस-चीन संबंध के समग्र वातावरण में सुधार होता है, तब तक इसकी उम्मीद करना संभव नहीं है।"

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अमेरिका को 308 बिलियन डॉलर का व्यापार घाटा

चीन के अधिकारी दूसरे चरण की वार्ता के लिए हमेशा निश्चिंत रहे हैं। उनका मानना है कि चीन के पास अमेरिकी मांगों से बहुत कम लाभ की संभावना थी। 2019 में चीन के साथ वस्तुओं और सेवाओं में अमेरिका को 308 बिलियन डॉलर का व्यापार घाटा हुआ था, क्योंकि अमेरिका इसके निर्यात से कहीं अधिक सामान आयात करता है। 2016 में ट्रंप जब राष्ट्रपति बने तो के बाद से उस कमी को थोड़ा बदल दिया गया है, लेकिन 2018 में घाटा बढ़कर 380 बिलियन डॉलर हो गया था।

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