महा तबाही का अलर्ट: जानलेवा वायरस से दुनिया को खतरा, वैज्ञानिक सतर्क

कोविड-19 के भीषण खतरे को देखते हुए एपिडेडियोलॉजिस्ट और मेडिकल विशेषज्ञ अब दूसरे कई बीमारियों और इंफेक्शन (Most Dangerous Virus or Infection) से बहुत ज्यादा सावधान रहने की सलाह दे रहे हैं। यदि हमने सतर्कता नहीं दिखाई, तो आने वाले समय में ये भी किसी भयानक महामारी के रूप में दुनिया पर तांडव कर सकते हैं।

Update:2021-01-11 12:39 IST
मेडिकल विशेषज्ञ अब दूसरे कई बीमारियों और इंफेक्शन (Most Dangerous Virus or Infection) से बहुत ज्यादा सावधान रहने की सलाह दे रहे हैं।

नई दिल्ली। बीते साल से अभी तक जारी कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया पर तबाही मचाई हुई है। महाभयानक इस वायरस ने लाखों लोगों की जानें लीं, साथ ही पूरी अर्थव्यवस्था को भी उलट-पुलट के रख दिया। लेकिन महीनों बाद अब वैक्सीन के आ जाने के बाद वायरस के छुटकारा मिलने की उम्मीदें जागी हैं। ऐसे में कोविड-19 के भीषण खतरे को देखते हुए एपिडेडियोलॉजिस्ट और मेडिकल विशेषज्ञ अब दूसरे कई बीमारियों और इंफेक्शन (Most Dangerous Virus or Infection) से बहुत ज्यादा सावधान रहने की सलाह दे रहे हैं। यदि हमने सतर्कता नहीं दिखाई, तो आने वाले समय में ये भी किसी भयानक महामारी के रूप में दुनिया पर तांडव कर सकते हैं। तो चलिए आपको ऐसी ही 10 बायोलॉजिकल और घातक बीमारियों के बारे में बताते हैं जो कोरोना से भी ज्यादा महाभयानक हो सकती है।

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निपाह वायरस-

चमगादड़ों से फैला निपाह वायरस को खतरे के वायरस से जोड़कर देखा जाता है जो साल 2018 में केरल में बड़े पैमाने पर फैला था। तभी इस बीमारी को सफलतापूर्वक नियंत्रित कर लिया गया था। चमगादड़ से इंसानों में फैली इस बीमारी से नवर्स इन्फ्लेमेशन, सूजन, तेज सिरदर्द, उल्टी, चक्कर और घबराहट जैसे लक्षण देखे जाते हैं।

महा भयानक इबोला-

फोटो-सोशल मीडिया

दुनियाभर में अफ्रीका से फैलने वाले इबोला वायरस का ट्रांसमिशन बहुत तेज नहीं है, लेकिन यह बुखार बहुत ज्यादा घातक है। ये बीमारी जानवरों से इंसान में फैलती है। इस पर WHO का दावा है कि इबोला इंसान से इंसान में भी ट्रांसमित होता है।

सामने आए आंकड़ों के अनुसार, इबोला के 3400 मामलों में से 2270 लोगों की मौत हुई है। जनवरी 2020 में इबोला का एक वैक्सीन भी आई थी, लेकिन उसे बड़े पैमाने पर रोलआउट नहीं किया गया।

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SARS-

इसके बाद आता है सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (SARS) भी उसी वायरस की फैमिली से आता है जो कोविड-19 के लिए जिम्मेदार है। इस बीमारी का पहला मामला साल 2002 में चीन में दर्ज किया गया था। इसमें SARS करीब 26 देशों में फैला और करीब 8,000 लोग इसकी चपेट में आए।

लासा फीवर-

फिर लासा बुखार एक वायरल इंफेक्शन है, जो रक्तस्रावी बीमारी (हेमोरेजिक इलनेस) के लक्षणों का कारण बनता है। लासा फीवर की चपेट में आने वाले हर पांचवें शख्स की किडनी, लिवर और स्प्लीन पर बहुत बुरा असर होता है। ये घर की दूषित चीजों, यूरीन, मल और ब्लड ट्रांसफ्यूशन के जरिए यह बीमारी लोगों में फैल सकती है।

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