खतरे में पाकिस्तान: FATF ने दी चेतावनी, अब क्या करेंगे इमरान
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में ही बरकरार रखा है। लेकिन इसके बावजूद भी पाकिस्तान की इमरान खान सरकार के लिए इसे राहत नहीं माना जा रहा है।
नई दिल्ली: फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में ही बरकरार रखा है। लेकिन इसके बावजूद भी पाकिस्तान की इमरान खान सरकार के लिए इसे राहत नहीं माना जा रहा है। तुर्की और मलेशिया को अगर छोड़ दिया जाए तो FATF के अन्य सभी सदस्य देशों ने पाकिस्तान को आखिरी चेतावनी जारी करते हुए टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने की दिशा में सख्त कदम उठाने के लिए कहा है।
पाकिस्तान को मिली चेतावनी
भारतीय दूतावास (Indian Embassy) के सूत्रों के मुताबिक, FATF के सदस्य देशों ने बैठक के दौरान ही पाकिस्तान को 13 सूत्री वर्कप्लान पर जल्द से जल्द अमल करने के कहा है। पाकिस्तान को चेतावनी दी गई है कि अगर जल्द से जल्द इस वर्कप्लान पर अमल नहीं किया गया तो परिणाम बुरे हो सकते हैं। बैठक में सिर्फ तुर्की और मलेशिया ने ये भी कहा है कि पाकिस्तान इन शर्तों को मानने की तरफ तेजी से आगे बढ़ रहा है और पिछले दिनों यहां हुई गिरफ्तारी और नेताओं के बयानों से ये साबित भी होता है।
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तुर्की और मलेशिया ने पाकिस्तान का दिया साथ
बैठक में तुर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगान ने पाकिस्तान का पक्ष लिया। एर्दोगान ने ये दावा किया कि तुर्की की एजेंसियों की तरफ से पाकिस्तान की आतंकवाद से निपटने में पूरी सहायता की जा रही है। इसके साथ ही मलेशिया ने भी पाकिस्तान का पक्ष लेते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ इमरान खान सरकार के प्रयास सराहनीय हैं।
पाकिस्तान को जून 2020 तक का दिया गया समय
हालांकि FATF के अन्य देशों ने पाकिस्तान को शर्तों को अमल में लाने की नसीहत दी है। इसके लिए पाकिस्तान को जून 2020 तक का टाइम मिला है। इसके साथ ही इन देशों ने कहा है कि अगर पाकिस्तान की तरफ से शर्तों को अमल में नहीं लाया जाता तो उसके ब्लैकलिस्ट हो जाने की संभावनाएं बहुत अधिक हैं। पाकिस्तान ने इस बैठक में भारत पर उसके खिलाफ दुष्प्रचार फैलाने का आरोप लगाया है। पाकिस्तान का कहना है कि भारत ने उसके खिलाफ ये दुष्प्रचार फैलाया है कि यूएन द्वारा घोषित 130 आतंकी सरगना पाकिस्तान में मौजूद हैं।
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FATF ने तय की समय सीमा
पाकिस्तान की तमाम दलीलों के बावजूद भी FATF ने इमरान खान सरकार से मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकियों को आर्थिक मदद मुहैया कराने में शामिल लोगों के खिलाफ सख्ती बरतने के लिए समय सीमा तय कर दी है। इंटरनेश्नल को-ऑपरेशन रिव्यू ग्रुप (ICRG) काफी वक्त से पाकिस्तान से आतंकवाद को हो रही फंडिंग पर नजर बनाए हुए है।
पाकिस्तान में आतंकियों के लिए पनाहगाह नहीं- इमरान खान
बता दें कि पाक पीएम इमरान खान भी लगातार इस बात को खारिज करते आ रहे हैं कि पाकिस्तान में अब आतंकियों के लिए पनाह नहीं है। इमरान खान ने बीते दिनों अफगानिस्तान को भरोसा दिलाते हुए कहा था कि मैं आपको बता सकता हूं कि यहां कोई सुरक्षित पनाहगाह नहीं है। सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुतारेस भी मौजूद थे।
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