कोरोना रिलीफ फंड के पैसे से खरीदी करोड़ों की लग्जरी कार, ऐसे हुआ खुलासा

अमेरिका में कोरोना वायरस की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। इस बीच देश में कोविड-19 रिलीफ फंड (Covid-19 Relief Fund) नाम पर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है।

Update:2020-07-29 11:26 IST
Bought Lamborghini with donated money

फ्लोरिडा: अमेरिका में कोरोना वायरस की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। इस बीच देश में कोविड-19 रिलीफ फंड (Covid-19 Relief Fund) नाम पर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक, फ्लोरिडा में एक शख्स ने अवैध तरीके से रिलीफ फंड के नाम पर 3.9 मिलियन डॉलर की राशि इकट्ठा की। युवक को धोखाधड़ी और आपराधिक षड़यंत्र के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है।

जब्त हुए तीन मिलियन से ज्यादा रकम और स्पोर्ट वाहन

जांचकर्ताओं के मुताबिक, 29 साल के डेविड टी हेनस के बैंक अकाउंट से तीन मिलियन से ज्यादा रकम और उसके स्पोर्ट वाहनों को जब्त कर लिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि डेविड टी हेनस ने धोखाधड़ी कर 13.5 डॉलर मिलियन लोन के लिए कंपनियों के नाम पर आवेदन किया। 29 मार्च को छोटे कारोबारियों के लिए कोविड-19 रिलीफ फंड कानून को लागू किया गया था।

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व्यक्ति ने लोन आवेदन के लिए दी गलत जानकारी

कंपनी द्वारा माफी लोन के पैसे को किराया, कर्मचारियों की सैलरी और दूसरी अन्य जरूरतों में यूज किया जा सकता था। अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान व्यक्ति ने लोन आवेदन पर गलत जानकारी दी और कंपनी के खर्चे को लेकर झूठे तथ्य पेश किए। हेनस ने कर्मचारियों की संख्या चढ़ा-बढ़ाकर पेश की थी और कर्मचारियों की सैलरी पर मिलियन डॉलर खर्च करने की बात कही।

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सरकार से 3.9 मिलियन डॉलर की रकम प्राप्त की

हालांकि बैंक रिकॉर्ड से इस बात की जानकारी मिलती है कि इस साल की पहली तिमाही में कोई पेरोल खर्च नहीं हुआ है। अधिकारियों के मुताबिक, लोन के नाम पर हेनस ने सरकार से 3.9 मिलियन डॉलर की रकम प्राप्त की। उसके बाद इस रकम का इस्तेमाल उसने अपने शौक पूरा करने में लगा दिए। अधिकारियों ने बताया कि शख्स ने कुछ दिनों पहले ही एक लैंबॉर्गिनी कार (Lamborghini Car) खरीदी है, जिसकी कीमत तीन लाख 18 हजार डॉलर है।

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युवक को किया गया गिरफ्तार

इसके अलावा भी उसने अन्य लग्जरी सामानों और रिसॉर्ट पर इस रकम को खर्च किया। हेनस उन कारोबारियों में शामिल था, जिसने कोरोना महामारी के चलते खराब हुई आर्थिक स्थिति के दौरान सरकार की तरफ से मदद के लिए आवेदन किया था। लेकिन उसने इस रकम को गलत तरीके से खर्च किया। उसने सरकार द्वारा की गई मदद को सिर्फ अपने शौक पूरा करने में लगा दिए। हालांकि अब उसकी गिरफ्तारी हो चुकी है, जो धोखाधड़ी करने वालों के लिए एक मिसाल है।

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