चीन ने युद्ध शुरू करने की दी धमकी: कहा कि सेना वापस लौटी तो शुरू करेंगे जंग
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने धमकी दी है कि अगर अमेरिकी सेना ताइवान वापस लौटी तो चीन युद्ध छेड़ देगा। एडिटर ने अमेरिका और ताइवान को धमकाते हुए कहा कि चीन अलगाव रोधी कानून एक ऐसा टाइगर है जिसके दांत भी हैं।
नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी के शुरू होने के बाद से ही अमेरिका और चीन में काफी तनातनी चल रही है। यहां तक कि वैज्ञानिक दोनों देशों में युद्ध की भी आशंका जता चुके हैं। इस बीच चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने धमकी दी है कि अगर अमेरिकी सेना ताइवान वापस लौटी तो चीन युद्ध छेड़ देगा। ग्लोबल टाइम्स के एडिटर हू शिजिन ने अमेरिका और ताइवान को धमकाते हुए कहा कि चीन अलगाव रोधी कानून एक ऐसा टाइगर है जिसके दांत भी हैं।
चीनी सेना शुरू कर देगी न्याय युद्ध
दरअसल, हू शिजिन एक अमेरिकी जर्नल में अमेरिकी सेना के ताइवान में भेजे जाने के सुझाव पर भड़के गए। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि मैं अमेरिका और ताइवान में ऐसी सोच रखने वाले लोगों को चेतावनी देना चाहता हूं। अगर वो ताइवान में अमेरिकी सेना के वापस लौटने का फैसला करते हैं तो चीनी सेना निश्चित तौर पर अपने क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए एक न्याय युद्ध शुरू कर देगी। उन्होंने लिखा कि चीन का अलगाव रोधी कानून एक ऐसा टाइगर है जिसके दांत भी हैं।
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ये सुझाव ताइवान के लिए बिल्कुल ठीक नहीं
अखबार में विश्लेषकों के हवाले से लिखा गया है कि ताइवान में चल रहे व्यापक युद्धाभ्यास के बीच अमेरिका के सैन्य जर्नल में इस तरह सेना को भेजने का सुझाव दिया गया है। अगर अमेरिका ताइवान में सेना भेजता है तो इससे चीन और अमेरिका के बीच हुआ समझौता टूट जाएगा। इसमें लिखा गया है कि यह पागलपंती भरा हुआ सुझाव ताइवान के लिए ठीक नहीं है। वहीं अगर ये सत्य होता है तो PLA जोरदार सैन्य कार्रवाई करेगी और ताकत के बल पर ताइवान का एकीकरण करेगी।
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दोनों देशों के बीच युद्ध की आशंका हुई तेज
बता दें कि ताइवान और चीन के बीच तनाव गहराता जा रहा है, जिसके चलते दोनों देशों के बीच युद्ध होने की आशंका तेज हो गई है। चीन ने बीते दिनों करीब 40 बार ताइवान की सीमा के पास अपने लड़ाकू विमान भेजने की कोशिश की। हालांकि ताइवान ने चीन के कोशिशों को मुंहतोड़ जवाब देते हुए ताइवान के विमानों ने चीनी प्लेनों को खदेड़ दिया।
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चीन ताइवान पर करता आया है अपना दावा
गौरतलब है कि चीन की तरफ से हमेशा दावा करता आया है कि ताइवान के कुछ द्वीप उसकी टेरीटरी में आते हैं। जबकि ताइवान इन द्वीप पर अपना हक जताता आया है। यहीं नहीं चीन ने लगातार सैन्याभ्यास और हवाई गश्ती के साथ सैन्य शक्ति के दम पर ताइवान को अपने क्षेत्र में मिलाने की बात कह चुका है।
हमारे सेना देश की रक्षा करने में सक्षम
वहीं हाल ही में ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग वेन ने ट्वीट करते हुए कहा कि ताइवान की वायुसेना किसी को धमकी नहीं देती है और न ही सैन्य उकसावे की कार्रवाई करती है। हमारी सेना के अंदर यह इच्छाशक्ति और क्षमता है कि वे देश की रक्षा कर सकें और वे हमारे हवाई क्षेत्र में चीनी विमानों के घुसपैठ से भयभीत भी नहीं है। हम इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता कायम रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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