पाकिस्तान ने कबूला अल्पसंख्यकों के साथ हो रहा अत्याचार, लड़कियों को उठा रहे दरिंदे

पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग (PHRC) की ओर से जारी की गई सालाना रिपोर्ट में यह माना गया है कि देश में अल्पसंख्यकों पर जुल्म और भेदभाव बढ़े हैं।

Update: 2020-05-02 04:28 GMT

इस्लामाबाद: पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग (PHRC) की ओर से जारी की गई सालाना रिपोर्ट में यह माना गया है कि देश में अल्पसंख्यकों पर जुल्म और भेदभाव बढ़े हैं। इस रिपोर्ट ने इमरान खान सरकार के सभी झूठों को बेपर्दा कर दिया है। दरअसल, सभी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान अपने यहां अल्पसंख्यकों खासकर हिंदुओं और ईसाईयों पर होने वाले जुल्म से इनकार करता आया है। लेकिन PHRC की रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2019 में अल्पसंख्यकों पर जुल्म बढ़े हैं और ये साल मानवाधिकार के मामले में भी काफी चिंताजनक रहा है।

धार्मिक आजादी का लाभ उठाने में सक्षम नहीं अल्पसंख्यक

पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग (PHRC) ने रिपोर्ट में कहा है कि कोरोना की महामारी की वजह से कमजोर और धार्मिक अल्पसंख्यकों की स्थिति और खराब हो सकती रिपोर्ट में कहा गया है कि धार्मिक अल्पसंख्यकों खासकर हिंदू और ईसाई संविधान के तहत दी गई धार्मिक आजादी या मान्यता का पूरी तरह से लाभ उठाने में सक्षम नहीं है।

लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन कराए जाने का जिक्र

2019 में ‘मानवाधिकार की स्थिति’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि बहुत से ऐसे समुदाय हैं, जिनके धर्मस्थल के साथ भेदभाव किया जाता है। साथ ही रिपोर्ट में लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन कराए जाने और उनके साथ रोजगार में भेदभाव होने की भी बात कही गई है।

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मानवाधिकार रिकॉर्ड 'बेहद चिंताजनक'

एचआरसीपी के मानद प्रवक्ता आई ए रहमान ने सालाना रिपोर्ट जारी किए जाने के मौके पर साल 2019 में पाकिस्तान के मानवाधिकार रिकॉर्ड को बेहद चिंताजनक बताया है। उन्होंने यह भी कहा कि इस महामारी के मानवाधिकारों पर लंबी छाया डालने की उम्मीद है।

लोगों को डराने के लिए किया जाता है ईशनिंदा कानून का इस्तेमाल

रिपोर्ट में अहम के चलते अल्पसंख्यक समुदाय की नाबालिक युवतियों का जबरन धर्म परिवर्तन कराने और लोगों को डराने और बदला लेने के लिए लगातार ईशनिंदा कानून का इस्तेमाल किए जाने की बात कही गई है। पाकिस्तान में, जहां अल्पसंख्यक समुदाय (सिख और हिंदू) की लड़कियों से जबरदस्ती शादी करने के कई मामले सामने आए, जिसकी वजह से भारत को पाकिस्तान सरकार के सामने यह मामला उठाना पड़ा।

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2019 को इसलिए किया जाएगा याद

एचआरसीपी के महासचिव हारिस खालिक ने कहा साल 2019 को राजनीतिक विरोध के सुर को दबाने, मीडिया की आजादी को कम करने और सामाजिक एवं आर्थिक अधिकारों की अनदेखी के लिए याद किया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने चुनाव अभियान में कही थीं ये बातें

प्रधानमंत्री इमरान खान ने चुनाव अभियान में कहा था कि उनकी पार्टी का एजेंडा है कि हर धार्मिक समूह आगे आए। उन्होंने यह भी कहा था कि हिंदू लड़कियों का जबरन विवाह रोकने के लिए अहम कदम भी उठाए जाएंगे। हालांकि सरकार बनने के बाद उनके बावजूद भी शादी कर जबरन धर्मांतरण के मामले सामने आते रहे।

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