इतिहास रचने से चूक गया अमेरिका, सिर्फ 16 मिनट पहले हुआ ये एलान

2011 के बाद  अमेरिका एक नया इतिहास रचने की कगार पर आकर रूक गया। खराब मौसम की वजह से अमेरिका का मानव मिशन रोकना पड़ गया। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा अपने स्पेस सेंटर से दोनों एस्ट्रोनॉट्स (Astronauts) को अमेरिकी रॉकेट में बिठाकर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) भेजेने वाला था।

Update: 2020-05-28 04:09 GMT

वॉशिंगटन: 2011 के बाद अमेरिका एक नया इतिहास रचने की कगार पर आकर रूक गया। खराब मौसम की वजह से अमेरिका का मानव मिशन रोकना पड़ गया। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा अपने स्पेस सेंटर से दोनों एस्ट्रोनॉट्स (Astronauts) को अमेरिकी रॉकेट में बिठाकर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) भेजेने वाला था। एस्ट्रोनॉट्स को NASA की निजी कंपनी स्पेस एक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के जरिए ISSक भेजा जाने वाला था।

खराब मौसम की वजह से टली लॉन्चिंग

बता दें कि 27 मई 2020 देर रात 2.03 बजे अमेरिका के सबसे भरोसेमंद रॉकेट फॉल्कन-9 से दो अंतिरक्ष यात्रियों को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए रवाना करना था। लेकिन 16.54 मिनट पहले ही इस मानव मिशन को रोक दिया गया। नासा के मुताबिक, खराब मौसम होने की वजह से इसे लॉन्च नहीं किया गया। अब इस मिशन को तीन दिन बाद अंजाम दिया जाएगा।

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कॉम्प्लेक्स 39ए से लॉन्च होने वाला था स्पेसक्राफ्ट

स्पेस-एक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट को रॉकेट फॉल्कन-9 के ऊपर लगाया गया था। इसके बाद फॉल्कन-9 रॉकेट को लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39ए से लॉन्च किया जाना था। जिसके अंदर दो अंतरिक्ष यात्री रॉबर्ट बेनकेन और डगलस हर्ले। बता दें कि दोनों एस्ट्रोनॉट्स (Astronauts) पहले भी इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की यात्रा कर चुके हैं। इस मानव मिशन का नाम डेमो-2 मिशन रखा गया है। डेमो-1 मिशन में ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट से ISS पर सफलतापूर्वक सामान और रिसर्च से जुड़ी वस्तुओं को पहुंचाया गया था।

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इस रॉकेट से Astronauts जाएंगे ISS

इन दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को अमेरिकी कंपनी स्पेस-एक्स के स्पेसक्राफ्ट ड्रैगन से ISS पर भेजा जाएगा। बता दें कि स्पेस-एक्स अमेरिकी उद्योगपति एलन मस्क की कंपनी है। यह कंपनी अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के साथ मिलकर भविष्य के कई अंतरिक्ष मिशन पर काम कर रही है।

ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के कमांडर होंगे डगलस हर्ले

डगलस हर्ले को ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के कमांडर के तौर पर लॉन्च, लैंडिंग और रिकवरी का जिम्मा दिया गया था। जबकि रॉबर्ट बेनकेन इस मिशन में स्पेसक्राफ्ट की डॉकिंग, अनडॉकिंग और उसके रास्ते का निर्धारण करते। बता दें कि इससे पहले भी दो बार (साल 2008 और 2010 में) इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन जा चुके हैं। उन्होंने तीन बार स्पेसवॉक भी किया है।

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वहीं डगलस हर्ले भी दो बार स्पेस स्टेशन जा चुके हैं। पहली बार साल 2009 में और दूसरी बार साल 2011 में। डगलस पेशे से सिविल इंजीनियर थे। बाद में साल 2000 में वो नासा से जुड़े थे। इससे पहले वो यूएस मरीन कॉर्प्स में फाइटर पायलट थे।

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110 दिनों तक स्पेस स्टेशन पर रहेंगे दोनों एस्ट्रोनॉट्स

ये दोनों एस्ट्रोनॉट्स 110 दिनों तक स्पेस स्टेशन पर रहेंगे। आपको बता दें कि स्पेस-एक्स ड्रैगन कैप्सूल एक बार में करीब 210 दिनों तक स्पेस में रह सकता है। उसके बाद उसे रिपेयरिंग के लिए वापस धरती पर आना होगा।

2011 के बाद पहली बार कोई मानव मिशन भेजता अमेरिका

अमेरिका से पहली बार कोई मानव मिशन अंतरिक्ष में जाने वाला है। 21 जुलाई 2011 के बाद ऐसा पहली बार होने वाला है। 27 जुलाई 2011 को नासा ने अपना सबसे सफल स्पेस शटल प्रोग्राम बंद कर दिया था। इसी दिन स्पेस शटल एटलांटिस धरती पर लौटा था। स्पेस शटल प्रोग्राम के द्वारा ISS के लिए कुल 135 उड़ानें भरी गई थीं। ये प्रोग्राम 30 साल तक चला, जिसमें 300 से ज्यादा एस्ट्रोनॉट्स को अंतरिक्ष में भेजा गया था।

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नासा को क्या होगा फायदा?

2011 के बाद से अमेरिका लगातार अपने अंतरिक्ष यात्रियों को रूसी और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसियों के रॉकेट के जरिए स्पेस स्टेशन पर भेजता आ रहा है। लेकिन इस मिशन की सफलता के बाद उसके अपने अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने के लिए रूस और यूरोपीय देशों के सहारा नहीं लेना पड़ेगा।

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