सीमा विवाद में चीन के रवैये से ब्रिटेन नाराज, ड्रैगन की धमकी पर जमकर बरसे सांसद
भारत के साथ सीमा विवाद में उलझे चीन के धमकी भरे बर्ताव पर ब्रिटिश सांसदों ने गहरी नाराजगी जताई है। हाउस ऑफ कॉमंस में चीन को लेकर हुई चर्चा के दौरान ब्रिटिश...
अंशुमान तिवारी
लंदन: भारत के साथ सीमा विवाद में उलझे चीन के धमकी भरे बर्ताव पर ब्रिटिश सांसदों ने गहरी नाराजगी जताई है। हाउस ऑफ कॉमंस में चीन को लेकर हुई चर्चा के दौरान ब्रिटिश सांसदों ने चीनी रुख की निंदा करते हुए इस पर गहरी चिंता जताई। सांसदों ने इस बात पर जोर दिया कि ब्रिटेन को भी चीन पर निर्भरता कम करनी चाहिए और इसके लिए समीक्षा किए जाने की जरूरत है। सांसदों ने चीन में मानवाधिकारों के उल्लंघन का मुद्दा उठाते हुए भी ड्रैगन को घेरा।
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विभिन्न मुद्दों पर चीन की घेरेबंदी
हाउस ऑफ कॉमंस में कंजरवेटिव पार्टी के सांसद इयान डंकन स्मिथ ने कहा कि चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर मुसलमानों का उत्पीड़न किया जा रहा है। चीन की सरकार यहां रहने वाले उइगर मुसलमानों के साथ दुर्व्यवहार कर रही है। स्मिथ ने चीन में मानवाधिकारों के उल्लंघन, हांगकांग की स्वतंत्रता पर हमला, भारत के साथ सीमा विवाद में चीन के धमकी भरे व्यवहार का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने इन सभी मुद्दों को लेकर चीन पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि चीन ने कोरोना वायरस के संक्रमण के बारे में भी दुनिया को काफी देरी से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि चीन पर ब्रिटेन की निर्भरता की आंतरिक समीक्षा होनी चाहिए।
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पड़ोसी देशों से चीन का खराब व्यवहार
विपक्षी लेबर पार्टी के सांसद स्टीफन किन्नॉक ने भी चीन को घेरते हुए कहा कि चीन अपने लोगों के साथ ही बेहद खराब व्यवहार कर रहा है। इसके साथ ही पड़ोसी देशों के प्रति भी उसका व्यवहार अच्छा नहीं है। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन सरकार को चीन के बारे में अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। सांसदों की चिंता का जवाब देते हुए एशिया मामलों के ब्रिटिश मंत्री निगेल एडम्स ने कहा कि ब्रिटेन सरकार विभिन्न मुद्दों पर अपनी चिंताओं से चीन को समय-समय पर अवगत कराती रही है। उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय बातचीत के दौरान ब्रिटेन हमेशा यह मुद्दा उठाता रहा है। इसके साथ ही ब्रिटेन ने संयुक्त राष्ट्र में भी प्रमुखता से इन मुद्दों को उठाया है।
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अमेरिका ने भी चीन को बताया खतरा
उधर अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट सी ओ ब्रायन ने भी चीन पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और चीन के नेता शी जिनपिंग के नेतृत्व में चीन से पूरी दुनिया को खतरा पैदा हुआ है। चीन से पैदा होने वाले खतरे को समझने में दुनिया ने काफी देरी की है। उन्होंने कहा कि चीन को समझने में अमेरिका से भी गंभीर चूक हुई है।
चीन की चाल समझने में नाकाम रहा अमेरिका
ब्रायन ने कहा कि अमेरिका चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की चाल को समझने में नाकाम रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख में चीन की कार्रवाई से पूरी दुनिया की आंख खुल जानी चाहिए। चीन की चालबाजी और कार्रवाई को देखते हुए पूरी दुनिया को इससे सबक लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया को चीन की चाल से सतर्क होना होगा और तभी उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जा सकता है।
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