झुका ड्रैगनः काम आई कूटनीति, पूर्वी लद्दाख से अपने सैनिक हटाने पर हुआ राजी
भारत-चीन के विवाद को लेकर कल हुई दोनों देशों के जनरल स्तर पर बातचीत के दौरान ड्रैगन पूर्वी लद्दाख के तनाव वाले इलाके से अपने सैनिकों को हटाने पर सहमत हो गया है।
नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच लद्दाख में चल रहे विवाद के कारण कई दिनों से चल रहे तनाव अब ख़त्म होते दिखाई दे रहे हैं। स्थितियों को सामान्य करने के लिए दोनों पक्षों के सैन्य कमांडर स्तर की वार्ता के बाद चीन के तेवर नरम पड़ गए हैं। दोनों पक्षों की बातचीत के बाद तनाव वाले क्षेत्रों से सैनिकों को हटाने पर सहमति बनी है।
चीन अपने सैनिकों को हटाने पर सहमत
भारत-चीन के विवाद को लेकर कल हुई दोनों देशों के जनरल स्तर पर बातचीत के दौरान ड्रैगन पूर्वी लद्दाख के तनाव वाले इलाके से अपने सैनिकों को हटाने पर सहमत हो गया है। गौरतलब है कि गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ संघर्ष में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे जबकि चीन के 40 जवान मारे गए थे। इस घटना के बाद दोनों देशों के तनाव चरम पर पहुंच चुका है।
भारत और चीन तनाव वाले इलाकों से पीछे हटने को तैयार
भारतीय सेना ने कहा कि भारत और चीन के बीच सोमवार को हुई कॉर्प्स कमांडर स्तर की वार्ता सौहार्दपूर्ण, सकारात्मक और रचनात्मक वातावरण में हुई। दोनों पक्ष आपसी सहमति से तनाव वाले इलाकों से पीछे हटने को तैयार हो गए हैं। बैठक में पूर्वी लद्दाख में सभी संघर्ष क्षेत्रों से सेनाओं के पीछे हटने के तौर-तरीकों पर चर्चा की गई और दोनों ही पक्ष इसपर अमल करेंगे।
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भारत ने अडिग रहते हुए दो टूक कहा, दो मई से पहले वाली स्थिति होनी चाहिए
सोमवार को मोल्डो में दोनों पक्षों के बीच करीब 11 घंटे तक सैन्य कमांडर स्तर की बातचीत हुई थी। भारत ने अडिग रहते हुए दो टूक कहा था कि गलवां, पेंगोंग त्सो और हॉट स्प्रिंग पर जब तक दो मई से पहले वाली स्थिति बहाल नहीं हो जाती पूरी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हालात नाजुक बने रहेंगे।
20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे
15 जून की रात को दोनों पक्षों के बीच हिंसक झड़प हुई थी जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। चीन को भी खासा नुकसान उठाना पड़ा था। इसके बाद चीन किसी भी हालत में पीछे हटने को तैयार नहीं था। झड़प के बाद से ही एशिया के दो सबसे बड़े मुल्कों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया।
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भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए जबकि 35 चीनी सैनिक मारे गए- अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट
इस घटना को लेकर अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में बताया गया कि दोनों पक्षों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए, जबकि 35 चीनी सैनिक मारे गए। इसके अलावा दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के कई जवानों को हिरासत में लिया, लेकिन उन्हें बाद में छोड़ दिया गया।
झड़प से पहले छह जून को हुई थी बातचीत
बता दें कि इससे पहले छह जून को दोनों पक्षों के बीच सैन्य कमांडर स्तर की वार्ता हुई थी जिसको लेकर विदेश मंत्रालय ने कहा था कि दोनों पक्ष स्थिति को सुलझाने और सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए सैन्य और कूटनीतिक जुड़ाव जारी रखेंगे।
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मंत्रालय ने कहा था कि दोनों पक्ष विभिन्न द्विपक्षीय समझौतों के अनुसार सीमावर्ती क्षेत्रों में हुए विवाद को शांतिपूर्वक हल करने के लिए सहमत हुए और नेताओं के बीच द्विपक्षीय संबंधों को ध्यान में रखते हुए भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता समग्र विकास के लिए आवश्यक है।