चीन से बढ़ती दुश्मनी के बीच अमेरिका ने भारत के खिलाफ उठाया ये बड़ा कदम

एच-1बी एक गैर-आव्रजक वीजा है, जो अमेरिकी कंपनियों को विदेशी कर्मचारियों को ऐसे विशेष व्यवसायों में नियुक्त करने की अनुमति देता है, जिनमें सैद्धांतिक या तकनीकी विशेषज्ञता की जरूरत पड़ती होती है।

Update: 2020-10-07 10:21 GMT
अब जबकि एच-1बी वीजा के प्रावधानों को पहले से भी कठोर किया जा रहा है तो इसका असर अमेरिका में काम करने वाले भारतीयों पर पड़ना लाजमी है।

वाशिंगटन: भारत और चीन के बीच सीमा विवाद का मुद्दा गरमाया हुआ है। दोनों देशों के बीच तनातनी चल रही है। चीन की विस्तारवादी नीतियों से अमेरिका भी बेहद ही खफा है।

वह चीन के खिलाफ लगातार एक के बाद एक कई कड़े कठोर कदम उठाते ही जा रहा है। अभी हाल ही उसने चीनी एप्स टिक टॉक को भी अपने यहां बैन कर दिया था।

जिससे चीन पूरी तरह से तिलमिलाया हुआ है। वह अमेरिका को देख लेने तक की धमकी दे चुका है।

इस बीच अमेरिका से अब खबर आ रही है कि उसने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्थानीय कामगारों की सुरक्षा के लिए चुनाव से पहले एच-1बी वीजा को लेकर नई पाबंदियां लगा दी हैं।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की फोटो(सोशल मीडिया)

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चीन के साथ ही भारत पर भी पड़ेगा असर

यह एक ऐसा कदम है, जिसका भारत के हजारों आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) पेशेवरों पर प्रभाव पड़ेगा।

इसकी जानकारी अमेरिका के गृह मंत्रालय द्वारा दी गई है। अमेरिका की ओर से घोषित अंतरिम नियम से ‘विशेष व्यवसाय’ की परिभाषा का दायरा और भी ज्यादा घट जाएगा।

कंपनियां विशेष व्यवसाय की परिभाषा के आधार पर बाहरी कर्मचारियों के लिए एच-1बी वीजा का आवेदन करती हैं। ट्रंप सरकार ये नया नियम ऐसे समय में लेकर आई है, जब अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में अब चार सप्ताह से भी कम समय शेष है।

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वीजा की फोटो(सोशल मीडिया)

क्या है एच-1बी वीजा

बता दें कि एच-1बी एक गैर-आव्रजक वीजा है, जो अमेरिकी कंपनियों को विदेशी कर्मचारियों को ऐसे विशेष व्यवसायों में नियुक्त करने की अनुमति देता है, जिनमें सैद्धांतिक या तकनीकी विशेषज्ञता की जरूरत पड़ती होती है।

आईटी कम्पनियां भारत और चीन जैसे बड़े मुल्कों से प्रत्येक वर्ष हजारों कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए इस वीजा का इस्तेमाल करती आई हैं।

अब जबकि एच-1बी वीजा के प्रावधानों को पहले से भी कठोर किया जा रहा है तो इसका असर अमेरिका में काम करने वाले भारतीयों पर पड़ना लाजमी है। वैसे भी अमेरिका में कोरोना और लॉकडाउन की वजह से बड़ी संख्या में भारतीय लोगों की नौकरियां छूट गई है।

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