कोरोना पर बड़ा दावा: वैक्सीन से नहीं सुधरेंगे हालात, 2021 में जारी रहेगा कहर
अमेरिका के संक्रामक रोग सलाहकार एंथनी फॉसी का कहना है कि कोरोना वैक्सीन मिलने के बावजूद 2021 के अंत तक सामान्य जीवन की वापसी की उम्मीद नहीं है।
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का प्रकोप पूरी दुनिया में लगातार जारी है। आए दिन इस वायरस से संक्रमित होने वाले नए मामले सामने आते जा रहे हैं। ऐसे में भारत, ब्राजील और अमेरिका में कोरोना की संख्या दिन पर दिन बढ़ रही है। वहीं इस वायरस के संक्रमण से मरने वालों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है। वहीं अभी तक इस वायरस की कोई कारगर वैक्सीन भी सामने नहीं आई है। ऐसे में अमेरिका के संक्रामक रोग सलाहकार एंथनी फॉसी ने लोगों को और भी सचेत किया है। एंथनी फॉसी का कहना है कि कोरोना वैक्सीन मिलने के बावजूद 2021 के अंत तक सामान्य जीवन की वापसी की उम्मीद नहीं है।
सामान्य जीवन अगले साल तक नहीं हो पाएगा
ग्लोबल फाइट वेबिनार नामक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमेरिका के संक्रामक रोग सलाहकार एंथनी फॉसी ने साफ तौर पर कहा कि यदि आप कोरोनावायरस संक्रमण शुरू होने से पहले के जीवन की बात कर रहे हैं, तो यह फिलहाल मुश्किल है। फॉसी ने आगे अपनी बात में कहा कि इसका अंदाजा इसी से लगाएं की शायद सामान्य जीवन अगले साल के अंत तक भी वापसी न कर सके।
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हालांकि फॉसी ने ये भी कहा कि कोरोना की कारगर वैक्सीन बन जाएगी और ये जीवन को पटरी पर लौटने में मदद पहुंचाएंगी। लेकिन एंथनी फॉसी ने ये भी साथ में बोला कि इसके बावजूद अगले साल के अंत तक जीवन पूरी तरह सामान्य नहीं हो पाएगा, जितना हम उम्मीद कर रहे हैं। यानी कि एंथनी फॉसी की इन बातों से एक बात तो अब स्पष्ट है कि कोरोना वायरस इतनी जल्दी लोगों की जिंदगी से पूरी तरह से नहीं जाएगा।
साल के अंत तक आ सकती है वैक्सीन
हालांकि कि एंथनी फॉसी ने लोगों को थोड़ी राहत देते हुए ये उम्मीद जगाई कि अमेरिकी खाद्य एवं औषधि विभाग को इस साल के अंत या अगले साल के शुरुआत में वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल का अधिकार मिल सकता है। फॉसी ने कहा कि वैक्सीन हर किसी के लिए तत्काल उपलब्ध नहीं हो सकेगी।
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बड़ी आबादी के टीकाकरण के लिए समय लगेगा और इसमें 2021 भी गुजर सकता है। फॉसी ने कहा कि कई देशों के लिए कोरोना वायरस के टीकों को कम तापमान में रखना बड़ी चुनौती होगी। कोरोना टीके जमाव की स्थिति में रखना होगा जबकि कोल्ड स्टोरेज कई देशों में अब भी बड़ी समस्या बनी हुई है।