22 साल बाद लिया बदला: इजरायल ने ईरान में घुसकर किया हमला, दुनिया में खलबली

अमेरिका की तरफ से इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के जवानों ने अलकायदा के नंबर दो सरगना 58 साल के अबू मोहम्‍मद अल मस्‍त्री को ढेर कर दिया। इस हमले में ओसामा बिना लादेन की बहू भी मारी गई।

Update: 2020-11-14 06:19 GMT
अमेरिका की तरफ से इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के जवानों ने अलकायदा के नंबर दो सरगना 58 साल के अबू मोहम्‍मद अल मस्‍त्री को ढेर कर दिया।

नई दिल्ली: अमेरिका ने तंजानिया में अमेरिकी दूतावासों पर हुए भीषणा हमले का बदला पूरा कर लिया है। साल 1998 में केन्‍या और तंजानिया में अमेरिकी दूतावासों पर आतंकवादी संगठन अलकायदा ने भयानक हमला किया था।

अमेरिका की तरफ से इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के जवानों ने अलकायदा के नंबर दो सरगना 58 साल के अबू मोहम्‍मद अल मस्‍त्री को ढेर कर दिया। इस हमले में ओसामा बिना लादेन की बहू भी मारी गई। आतंकी अबू मोहम्‍मद अल मस्‍त्री ईरान की राजधानी तेहरान में छिपा हुआ था।

अदकायदा के इस हमले में 224 लोगों की मौत हो गई थी, तो वहीं कई लोग घायल हो गए थे। इस हमले का मास्टरमाइंड अबू मोहम्‍मद ही था। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि अलकायदा के दूसरे नंबर के नेता अबू मोहम्‍मद को तेहरान में ढेर कर दिया गया है। इसके साथ ही उसकी बेटी भी मारी गई थी। इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के सीक्रेट दस्‍ते ने अमेरिका के इस बदले को लिया है। अफ्रीकी देश केन्‍या और तंजानिया में अमेरिकी दूतावास पर 9 अगस्‍त 1998 को भयानक हमला हुआ था।

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अबू मोहम्‍मद अल मस्‍त्री (फोटो: सोशल मीडिया)

FBI ने रखा था एक करोड़ डॉलर का इनाम

अमेरिका की जांच एजेंसी एफबीआई ने अबू मोहम्‍मद पर एक करोड़ डॉलर का रखा हुआ था। अगस्‍त में इसको मारने के बाद अभी तक न तो अमेरिका, न ईरान और न ही इजरायल ने इसका सार्वजनिक रूप से ऐलान किया। लेकिन अभी तक आतंकी अबू मोहम्‍मद को मारने में अमेरिका की भूमिका साफ नहीं हुई है, लेकिन अमेरिका ने इतने सालों से ईरान में रह रहे आतंकी की हर गतिविध‍ि पर नजर बनाए हुआ था।

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मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि अबू मोहम्‍मद की हत्‍या अभी तक सामने नहीं आई थी। ईरान के सरकारी मीडिया ने इस घटना की खबर दी थी, लेकिन मारे गए शख्स का नाम हबीब दाउद और उसकी 27 साल की बेटी मरियम बताया था। ईरानी मीडिया में कहा गया था हबीब दाउद लेबनान का इतिहास का प्रोफेसर था। रिपोर्ट में कहा गया है कि दाउद नाम का कोई व्‍यक्ति नहीं था। ईरान की खुफिया एजेंसी के अधिकारी फर्जी नामों का इस्तेमाल करते थे। मरियम की शादी ओसामा बिना लादेन के बेटे हमजा से हुई थी।

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