Israel-Hamas War: युद्ध में अमेरिका की एंट्री, ईरानी रेवोल्यूशनरी गार्ड्स के ठिकानों पर हवाई हमले

Israel-Hamas War: अमेरिकी रक्षा सचिव ने अमेरिकी सेना पर हुए हमलों में सीधे तौर पर ईरान की भूमिका होने का आरोप लगाते हुए कहा, ''ईरान अपना हाथ छिपाना चाहता है और हमारी सेनाओं के खिलाफ इन हमलों में अपनी भूमिका से इनकार करना चाहता है।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2023-10-27 10:45 IST

America air strikes (photo: social media )

Israel-Hamas War: इजरायल-हमास युद्ध अब पश्चिम एशिया में और भी फैल गया है। इस लड़ाई में अब अमेरिका की भी एंट्री हो गई है जिसने सीरिया में ईरानी रेवोल्यूशनरी गार्ड्स और उसके समर्थित मिलिशिया से जुड़े दो ठिकानों को निशाना बनाकर हवाई हमले किए हैं।

अमेरिका के रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन के एक बयान के अनुसार, अमेरिकी बलों के खिलाफ ड्रोन और रॉकेट हमलों की एक श्रृंखला के बाद, अमेरिका ने 26 अक्टूबर को पूर्वी सीरिया में ईरानी समर्थित मिलिशिया से जुड़े दो ठिकानों को निशाना बनाकर हवाई हमले किए। इन ठिकानों का इस्तेमाल ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) और संबद्ध समूहों द्वारा किया गया है।

ऑस्टिन ने उन हमलों का वर्णन किया, जिनका आदेश राष्ट्रपति जो बिडेन ने दिया था। उन्होंने कहा कि ये हमले आत्मरक्षा के लिए तैयार किए गए थे और इस बात पर जोर दिया कि वे गाजा में चल रहे संघर्ष से अलग हैं।

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ईरान पर आरोप

अमेरिकी रक्षा सचिव ने अमेरिकी सेना पर हुए हमलों में सीधे तौर पर ईरान की भूमिका होने का आरोप लगाते हुए कहा, ''ईरान अपना हाथ छिपाना चाहता है और हमारी सेनाओं के खिलाफ इन हमलों में अपनी भूमिका से इनकार करना चाहता है। हम उन्हें ऐसा नहीं करने देंगे। उन्होंने वादा किया कि अगर ईरान के गुर्गों द्वारा हमले जारी रहे तो अमेरिका और भी हमले करेगा।


मजबूत संदेश

बिडेन प्रशासन ने पहले भी मिलिशिया के खिलाफ हमले किए हैं, लेकिन भारी तनाव के समय में, अमेरिका ईरान और मिलिशिया को एक मजबूत संदेश भेजना चाहता है कि वे अपने हमलों को न बढ़ाएं और क्षेत्र में व्यापक संघर्ष को न भड़काएं। यह क्षेत्र इज़राइल-हमास युद्ध के रूप में उलझा हुआ है, जो कि 7 अक्टूबर को हमास के क्रूर आतंकी हमले से शुरू हुआ था।


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900 सैनिक और उतारे

अमेरिका ने घोषणा की है कि वह पश्चिम एशिया में लगभग 900 सैनिकों को तैनात कर रहा है। आगे और भी भेजे जाने संभावना है।अमेरिका ने दो नौसैनिक बेड़े पूर्वी भूमध्य सागर में और एक अलग ग्रुप को इज़राइल के करीब समंदर में भेज दिया है। अमेरिकी हमले 17 अक्टूबर के बाद से इराक और सीरिया में अमेरिकी सेना के खिलाफ हमलों की बढ़ती संख्या के बाद हुए हैं। 26 अक्टूबर की दोपहर तक, अमेरिकी सेना पर इराक में कम से कम 12 अलग-अलग बार और सीरिया में चार अलग-अलग बार हमले हुए, जिसके परिणामस्वरूप 21 अमेरिकी फैसिलिटी नष्ट हो गईं। और उसके लोग घायल हुए हैं। पेंटागन ने कहा है कि सभी चोटें मामूली थीं और सैनिक ड्यूटी पर लौट आए हैं।


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कड़ी चेतावनी

राष्ट्रपति बिडेन ने क्षेत्र में अमेरिकी सेना पर हमला करने के बारे में ईरान को कड़ी चेतावनी जारी की है। उन्होंने कहा - अयातुल्ला को मेरी चेतावनी है कि अगर वे उन सैनिकों के खिलाफ आगे बढ़ना जारी रखेंगे, तो हम जवाब देंगे, और उन्हें तैयार रहना चाहिए। बिडेन ने यह भी कहा कि इराक और सीरिया में अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी आईएसआईएस को हराने के अभियान पर केंद्रित है और इसका इजरायल में चल रहे संघर्ष से कोई संबंध नहीं है। लेकिन ईरानी विदेश मंत्री होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन ने 26 अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा के आपातकालीन सत्र में तनाव को कम करने का प्रयास नहीं किया, उन्होंने कहा कि अगर गाजा में युद्ध समाप्त नहीं हुआ तो अमेरिका "इस आग से बच नहीं पाएगा"। इस सप्ताह की शुरुआत में, मंत्री ने कहा था कि ईरान को अमेरिका से दो संदेश मिले थे, हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि संदेश कब और कैसे भेजे गए। उन्होंने कहा, पहले संदेश में कहा गया कि अमेरिका को संघर्ष के व्यापक विस्तार में कोई दिलचस्पी नहीं है, जबकि दूसरे ने ईरान और उसके सहयोगियों से आत्मसंयम बरतने का आग्रह किया।

क्षेत्र में ईरान समर्थित मिलिशिया के खिलाफ आखिरी ज्ञात अमेरिकी हमला मार्च में हुआ था, जब सेना ने एक ठिकाने पर हमला किया था, जिसके बारे में कहा गया था कि इसका इस्तेमाल ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स से जुड़े समूहों द्वारा किया जाता था। इसके बाद क्षेत्र में अमेरिकी सुविधाओं के खिलाफ ड्रोन और रॉकेट हमलों की एक समान श्रृंखला हुई।

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