बड़ी खबरः 26 साल बाद झील में दफन गांव आया बाहर
इटली का एक गांव करीब 26 साल बाद झील से बाहर निकल आया है। अब इटली की सरकार ऐसा उम्मीद कर रही है कि इस मध्यकालीन ऐतिहासिक गांव को देखने के लिए इस साल के अंत तक या फिर अगले साल की शुरूआत से पर्यटक आ सकेंगे।
रोम: इटली का एक गांव करीब 26 साल बाद झील से बाहर निकल आया है। अब इटली की सरकार ऐसा उम्मीद कर रही है कि इस मध्यकालीन ऐतिहासिक गांव को देखने के लिए इस साल के अंत तक या फिर अगले साल की शुरूआत से पर्यटक आ सकेंगे। जानकारी के मुताबिक यह गांव पिछले 73 सालों से एक झील में डूबा हुआ है। कुछ लोगों का कहना है कि इस गांव पर बुरी आत्मा और भूत का साया था इसलिए इसे झील बनाकर डूबो दिया गया था। लेकिन अब 26 साल बाद यह झील से बाहर निकल आया है। तो चलिए आपको बताते हैं इस गांव के बारे में-
1947 में वागली झील में दफना गया था गांव
इस ऐतिहासिक गांव का नाम है, फैब्रिश डी कैरीन। इस गांव को 1947 में वागली झील में दफना दिया गया था। झील में डूबा यह गांव 73 सालों में सिर्फ चार बार दिखाई दिया है। यह पहली बार साल 1958, दूसरी बार 1974 में, तीसरी बार 1983 में और चौथी बार 1994 में दिखाई दिया था। तब लोग यहां घूमने गए थे।
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13वीं सदी में बसाया गया था ये गांव
अब एक बार फिर से 26 साल बाद इस झील का पानी कम हो रहा है और यह गांव बाहर निकल रहा है। फैब्रिश डी कैरीन गांव के बारे में कहा जाता है कि यह 13वीं सदी में इटली के लूका प्रांत के टसकैनी शहर में बसाया गया था। इस गांव में लोग लोहे का उत्पादन किया करते थे। यह पर लोहार रहते थे।
अब एक बार फिर से इस गांव को देखने के लिए 26 साल बाद पर्यटक आ सकेंगे। यह गांव हमेशा 34 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी में डूबा रहता है।
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इस वजह से गांव को डैम बनाकर डुबाया गया
बताया जाता है कि इस गांव में बुरी आत्माएं थीं, इसलिए 1947 में इस गांव के ऊपर एक हाइड्रोइलेक्ट्रिक डैम बना दिया गया था और इसे पानी में दफन कर दिया गया। अब डैम को चलाने वाली कंपनी इनेल धीरे-धीरे इस झील के पानी को खाली कर रही है। ताकि थोड़ी साफ-सफाई की जा सके। यह काम अगले साल तक पूरा हो जाएगा।
लोगों को 26 साल बाद 13वीं सदी की इमारतें देखने को मिलेंगी
जब इस गांव के ऊपर डैम बनाया गया तो यहां पर रहने वाले लोगों को पास के ही वागली डी सोटो कस्बे में पुर्नस्थापित कर दिया गया था। फैब्रिश डी कैरीन गांव जब झील के बाहर आएगा तब लोगों को उसमें 13वीं सदी की इमारतें देखने का मौका मिलेगा। ये इमारतें पत्थरों से बनी हुई थीं।
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चर्च, सिमेट्री और पत्थरों से बने घर आज भी दिखाई देते हैं
इस गांव में आज भी चर्च, सिमेट्री और पत्थरों से बने घर दिखाई देते हैं। वागली डी सोटो के पूर्व मेयर ने बताया कि जैसे ही झील का पानी कम होगा यहां पर पर्यटक का आना शुरू हो जाएगा। झील के खाली होने पर इस गांव के अंदर घूमने के लिए लोग पहुंच जाते हैं।
झील खाली होने पर बढ़ेगा पर्यटन
डैम को चलाने वाली कंपनी इनेल का कहना है कि झील को खाली करके कुछ दिनों तक के लिए गांव को वापस खोला जाएगा, ताकि इलाके में पर्यटन बढ़ सके। साथ ही झील की साफ- सफाई भी की जा सके। इतने पुराने बांध की कुछ मरम्मत की जा सके।
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