Attack on Indian Embassy: अमेरिका स्थित भारतीय दूतावास में खालिस्तानियों ने लगाई आग, आतंकी निज्जर की मौत से हैं बौखलाए

Attack on Indian Embassy: अमेरिका ने इस घटना की निंदा करते हुए इसकी जांच एफबीआई को सौंपी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आगजनी में दूतावास को अधिक नुकसान नहीं पहुंचा है।

Update:2023-07-04 11:39 IST
Attack on Indian Embassy (photo: social media )

Attack on Indian Embassy: अमेरिका और यूरोपीय देशों में मौजूद भारतीय दूतावासों को टारगेट करने का सिलसिला जारी है। खालिस्तानी समर्थकों के हौंसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि उन्होंने अमेरिकी शहर सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय दूतावास में आग लगा दी। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। अमेरिका ने इस घटना की निंदा करते हुए इसकी जांच एफबीआई को सौंपी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आगजनी में दूतावास को अधिक नुकसान नहीं पहुंचा है।

भारतीय दूतावास पर आग लगने के इस घटना की टाइमिंग को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। दरअसल, पिछले दिनों कनाडा में रहे खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। जिसके बाद से कट्टरपंथी सिख बौखलाए हुए हैं। 30 जून को प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस के मुखिया और आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने यूरोप, अमेरिका और कनाडा में मौजूद भारतीय दूतावासों का 8 जुलाई से घेराव करने का ऐलान किया था। इस ऐलान के अगले ही दिन यानी शनिवार 1 जुलाई की रात को सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय दूतावास को खालिस्तानियों द्वारा निशाना बनाया गया। इस घटना की जानकारी काफी समय बाद भारतीय मीडिया तक पहुंची। मंगलवार को अमेरिकी सरकार के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि हम ऐसे बर्बर कृत्य की निंदा करते हैं। फेडरल ब्यूरो इन्वेस्टिगेशन (एफबीआई) ने इसकी जांच शुरू कर दी है।

ट्विटर पर किया पोस्ट

खालिस्तान समर्थकों द्वारा 2 जुलाई को ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास में आगजनी की घटना को दिखाया गया है।वीडियो में लिखा है - "हिंसा से हिंसा जन्मती है।" साथ ही कनाडा स्थित खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की मौत से संबंधित समाचार लेख भी दिखाए गए हैं। 10 लाख के इनामी आतंकी निज्जर की पिछले महीने कनाडा में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

सैन फ्रांसिस्को की घटना पर अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने एक ट्वीट में कहा: “अमेरिका सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास के खिलाफ कथित बर्बरता और आगजनी के प्रयास की कड़ी निंदा करता है। अमेरिका में राजनयिक सुविधाओं या विदेशी राजनयिकों के खिलाफ बर्बरता या हिंसा एक अपराध है।

अमेरिका में दक्षिण एशियाई प्रसारण टीवी नेटवर्क दीया टीवी ने एक ट्वीट में कहा कि “सैन फ्रांसिस्को भारतीय वाणिज्य दूतावास में रविवार सुबह 1:30 से 2:30 बजे के बीच आग लगा दी गई। दमकल द्वारा आग को तुरंत दबा दिया गया, क्षति सीमित थी और किसी भी कर्मचारी को नुकसान नहीं हुआ। सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे एक पोस्टर में कहा गया है कि 8 जुलाई को "खालिस्तान फ्रीडम रैली" आयोजित की जाएगी जो बर्कले, कैलिफोर्निया से शुरू होगी और सैन फ्रांसिस्को में भारतीय दूतावास पर समाप्त होगी।

खालिस्तान समर्थकों ने घटना की जिम्मेदारी ली

खालिस्तान समर्थकों ने अमेरिका स्थित भारतीय दूतावास में हुई आगजनी की घटना की जिम्मेदारी ली है। उन्होंने एक वीडियो जारी कर बताया कि पिछले महीने कनाडा में मारे गए आतंकी हरदीप सिंह निज्जर का ये बदला है। खालिस्तान समर्थकों ने कहा कि हिंसा से ही हिंसा उत्पन्न होती है।

8 जुलाई से किल भारत अभियान की शुरूआत

निज्जर की हत्या के बाद अज्ञात स्थान पर जा छिपे आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने 8 जुलाई से ‘किल भारत’ नामक अभियान शुरू करन का ऐलान किया है। इसके तहत यूएस, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और यूरोपीय देशों में मौजूद भारतीय दूतावासों के बाहर रैलियां की जाएंगी। 21-21 सिखों का जत्था दूतावास के बाहर प्रदर्शन करेगा और तिरंगे का अपमान भी करेगा। बता दें कि पांच महीने पहले इसी तरह खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के खिलाफ भारत में कार्रवाई होने पर अमेरिका समेत अन्य देशों में इंडियन एंबेसी को निशाना बनाया गया था। यूके स्थित भारतीय दूतावास पर तिरंगे का अपमान भी किया गया था।

कौन था आतंकी निज्जर ?

मुलरूप से पंजाब के जालंधर का रहने वाला खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर कनाडा में भारत विरोधी गतिविधियों में जोरशोर से लगा रहता था। वह आतंकी संठगन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के मुखिया गुरतपतवंत सिंह पन्नू का करीबी था। वह संगठन के कनाडा ईकाई का प्रमुख भी था। इसके अलावा उसने अपना खुद का संगठन खालिस्तान टास्क फोर्स (केटीएफ) बना रखा था, जिसके जरिए वह चरमपंथी गतिविधियों को अंजाम दिया करता था।

किसान आंदोलन के दौरान निज्जर की संदिग्ध भूमिका नजर आने के बाद भारत सरकार ने सितंबर 2020 उसे आतंकवादी घोषित कर दिया था। इसके बाद जालंधर स्थित उसके गांव भार सिंह पुरा में मौजूद उसकी सारी संपत्तियों को जब्त कर लिया गया। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 40 आतंकियों की एक सूची भी जारी की थी, जो मोस्ट वांटेड थे। उसमें निज्जर भी शामिल था। उस पर 10 लाख रूपये का इनाम घोषित किया गया था। बीते महीने 18 जून को कनाडा के सरी में गुरू नानक गुरूद्वारे के बाहर पार्किंग में दो अज्ञात बाइक सवारों ने उसकी गोली मारकर हत्या कर दी थी।

दूसरी घटना

कुछ महीनों के भीतर यह दूसरी बार है जब सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर खालिस्तानी समर्थकों ने हमला किया है। 19 मार्च को खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमला किया और उसे क्षतिग्रस्त कर दिया था। खालिस्तान समर्थक नारे लगाते हुए, प्रदर्शनकारियों ने शहर पुलिस द्वारा लगाए गए अस्थायी बैरिकेडिंग को तोड़ दिया और वाणिज्य दूतावास परिसर के अंदर दो तथाकथित खालिस्तानी झंडे लगा दिए।वाणिज्य दूतावास के दो कर्मियों ने जल्द ही इन झंडों को हटा दिया।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कहा कि भारत ने कनाडा, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे अपने साझेदार देशों से ''चरमपंथी खालिस्तानी विचारधारा'' को जगह नहीं देने को कहा है क्योंकि यह संबंधों के लिए ''अच्छा नहीं'' है। वह कनाडा में वरिष्ठ भारतीय राजनयिकों के नाम वाले खालिस्तानी पोस्टरों की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को वहां की सरकार के समक्ष उठाया जाएगा।

Tags:    

Similar News