चीन-अमेरिका में युद्ध: शक्ति प्रदर्शन पड़ेगा भारी, अब खतरे में ये 3 देश

चीन के साथ सीमा विवाद पर इस समय एक जरा सी भी चिंगारी युद्ध को भड़काने का काम कर सकती है। ऐसे में तनाव के दो केंद्र बिन्दू हैं। इनमें से पहला ताइवान और दूसरा भारत है।

Update: 2020-09-17 11:34 GMT
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पेइचिंग। चीन के साथ सीमा विवाद पर इस समय एक जरा सी भी चिंगारी युद्ध को भड़काने का काम कर सकती है। ऐसे में तनाव के दो केंद्र बिन्दू हैं। इनमें से पहला ताइवान और दूसरा भारत है। इस बारे में विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि लद्दाख और ताइवान में चल रहा ये तनाव लड़ाई में तब्‍दील हो सकता है और इस लड़ाई में अमेरिका भी हिस्‍सा ले सकता है। इस पर उनका कहना है कि अमेरिका और चीन दोनों ही परमाणु हथियार संपन्‍न राष्‍ट्र हैं। हालाकिं ऐसे में लड़ाई की संभावना कम है, लेकिन छोटे स्‍तर पर सैन्‍य झड़प हो सकती है।

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मुख्‍य विषय शक्ति के लिए प्रतिस्‍पर्द्धा

इस बारे में सूत्रों से सामने आई रिपोर्ट में चीन के सबसे प्रभावशाली सिंघुआ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर यान क्‍यूटोंग ने कहा कि सीधे जंग और सैन्‍य झड़प में काफी फर्क होता है।

उन्‍होंने कहा कि चीन और अमेरिका के बीच विवाद का मुख्‍य विषय शक्ति के लिए प्रतिस्‍पर्द्धा है और जैसे-जैसे दोनों देशों के बीच ताकत का फर्क कम होगा और ज्‍यादा कड़ी प्रतिस्‍पर्द्धा होगी। अमेरिका के साथ तनाव के बीच चीन अपने पड़ोसी देशों भारत और ताइवान के साथ तनाव क्‍यों भड़का रहा है, इस सवाल पर विश्‍लेषकों की राय कुछ हटकर है।

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फोटो-सोशल मीडिया

दुनिया की महाशक्ति

साथ ही कई विश्‍लेषकों का कहना है कि चीन को हॉन्‍ग कॉन्‍ग और शिनजियांग क्षेत्र में असुरक्षा की भावना, दुनिया की महाशक्ति बनने की चीनी राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग की महत्‍वाकांक्षा और कोरोना वायरस महामारी से मिला मौका चीन को पड़ोसियों के साथ शक्ति प्रदर्शन को प्रेरित कर रहा है।

आगे विश्लेषकों का कहना है कि यही नहीं चीन इस समय कई मोर्चों पर खतरा और दबाव महसूस कर रहा है और शी जिनपिंग अगर सभी मुद्दों का सही ढंग से हल नहीं करते हैं तो उन पर आंतरिक रूप से दबाव बढ़ सकता है। चीन की यह आक्रामकता पीएलए की बढ़ती क्षमता की वजह से और तेज हो गई है।

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मिसाइलों का चीन निर्माण कर रहा

ऐसे में कई विश्‍लेषकों का कहना है कि लगातार रक्षा बजट पर भारी भरकम खर्च करने की वजह से चीन की नौसेना आज दुनिया में सबसे बड़ी हो गई है और बहुत तेजी से नए युद्धपोत शामिल कर रही है। इसके अलावा अमेरिका और पूरे क्षेत्र को निशाना बनाने में सक्षम मिसाइलों का चीन निर्माण कर रहा है।

इस पर आजादी के बाद से चीन सुर्खियों में न रहकर अपने विकास पर फोकस कर रहा था। लेकिन वर्ष 2013 में चीन ने अपनी इस नीति को बदल दिया। चीनी राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि उपलब्धियों को हासिल करना होगा। चीन अब लगातार अपने घर में सुरक्षा को मजबूत करने में लगा हुआ है। दिन पर दिन सीमा पर सेना की तैनाती कर रही है।

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