चीन के निशाने पर भारत का ये पड़ोसी देश, कब्जा करने की तैयारी कर रहा ड्रैगन

चीन के निशाने पर भारत का एक और पड़ोसी देश आ गया है। म्यांमार पर भी चीन का अरबों डॉलर का कर्ज है। हाल के दिनों में म्यांमार और भारत के बीच संबंध मजबूत हुए हैं तो चीन बौखला गया है। इसके कारण चीन ने म्यांमार को दिए गए कर्ज की समीक्षा शुरू की है।

Update: 2020-10-25 17:01 GMT
म्यांमार पर भी चीन का अरबों डॉलर का कर्ज है। हाल के दिनों में म्यांमार और भारत के बीच संबंध मजबूत हुए हैं तो चीन बौखला गया है।

लखनऊ: लद्दाख में भारत और चीन के बीच तनाव बरकरार है। भारत के खिलाफ चीन ने नई-नई साजिश रच रहा है। भारत को घेरने का चीन चालें चल रहा है। इसलिए बीते कई सालों से ड्रैगन पड़ोसी देशों में निवेश कर रहा है। भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश से लेकर श्रीलंका तक निशाने पर है। इन सभी देशों में चीन निवेश कर रहा है।

चीन ने श्रीलंका को अपनी जाल फंसाया और उसको खूब लोन दिए। श्रीलंका पर चीन का इतना कर्ज हो गया है कि उसे अपना हंबनटोटा पोर्ट ही लीज पर देना पड़ गया। नेपाल में के कई इलाकों पर चीन ने कब्जा कर लिया है। तो वही बांग्लादेश में निवेश कर रहा है।

अब चीन के निशाने पर भारत का एक और पड़ोसी देश आ गया है। म्यांमार पर भी चीन का अरबों डॉलर का कर्ज है। हाल के दिनों में म्यांमार और भारत के बीच संबंध मजबूत हुए हैं तो चीन बौखला गया है। इसके कारण चीन ने म्यांमार को दिए गए कर्ज की समीक्षा शुरू की है। चीन पहले ही कई देशों को अपना शिकार बना चुका है।

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म्यांमार को अरबों डॉलर का लोन दिया

बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) के तहत म्यांमार को अरबों डॉलर का लोन दिया है। बीआरआई चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के महत्वकांक्षी मिशन है। इस परियोजना को शुरू करने के लिए चीन ने म्यांमार को अपनी जाल में फंसाया। उसने जब इस प्रोजेक्ट को लेकर बातचीत की तो उसने इसे चीन-म्यांमार-बांग्लादेश-भारत इकोनॉमिक कॉरिडोर का नाम दिया। चीन ने म्यांमार को सपने दिखाया कि इस परियोजना से न सिर्फ उसके देश में इंफ्रास्टक्टचर का विकास होगा बल्कि आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।

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चीन ने म्यांमार में 100 बिलियन डॉलर से ज्यादा का किया निवेश

चीन ने म्यांमार में करीब 100 बिलियन डॉलर (73,83,41,50,00,000 अरब रुपये) से ज्यादा का निवेश कर चुकी है। इसके तहत वह म्यांमार में 38 परियोजनाओं को बनाने की तैयारी कर रहा है। लेकिन चीन को अभी तक उसे दो ही परियोजनाओं के लिए इजाजत मिली है। इनमें से एक क्यूंफू डीप वॉटर सी पोर्ट और दूसरा यांगून सिटी की परियोजना है।

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गौरतलब है कि चीन पाकिस्तान आर्थिक परियोजना की लागत इससे कम है और सिर्फ 62 बिलियन डॉलर ही है। श्रीलंका और चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर के हालात को देखकर म्यांमार शतर्क हो गया है। म्यांमार की वर्तमान सरकार ने चीन को बाकी परियोजनाओं की इजाजत देने से इंकार कर दिया। इसके बाद से चीन बौखला गया है और म्यांमार को लेकर आक्रामक रूख अख्तियार कर रहा है। अब उसने म्यांमार को दिए गए कर्ज की समीक्षा शुरू की है। इसके साथ वह म्यांमार के उग्रवादी गुटों को हथियार, मिसाइल और पैसा दे रहा है।

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