लाशों वाला देशः चीन की फैक्ट्री में लगाई आग, बीच सड़क 38 लोगों को मारी गई गोली

म्यांमार की मीडिया ने जानकारी दी कि हेलिंगथया में सैन्य तानाशाही लागू हो गयी है। यहां मार्शल लॉ लगने के बाद रविवार को चीनी फैक्टरियों में आगजनी हो गयी।

Update:2021-03-15 08:53 IST
म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद जनता का दमन बढ़ता ही जा रहा है। देश में सेना के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं, लेकिन सुरक्षाबलों की कार्रवाई जारी है।

लखनऊ: म्यांमार में तख्तापलट के बाद देश में गृह युद्ध जैसी स्थिति आ गयी है। रविवार को म्यांमार की राजधानी यंगून व अन्य शहरों में एक बार फिर प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षाकर्मियों ने गोलियां चलाईं। इसमें पूरे देश में कम से कम 38 नागरिकों की मौत हो गई। केवल यंगून के हेलिंगथया में 22 लोगों की मौत की खबर है। इस हिंसा में एक पुलिस अधिकारी की भी मौत हो गयी।

यंगून में सेना ने प्रदर्शनकारियों को मारी गोली

म्यांमार की मीडिया ने जानकारी दी कि हेलिंगथया में सैन्य तानाशाही लागू हो गयी है। यहां मार्शल लॉ लगने के बाद रविवार को चीनी फैक्टरियों में आगजनी हो गयी। जिसके बाद 22 प्रदर्शनकारियों की मौत पुलिस की गोली से हुई है। जबकि पूरे देश मे जगह-जगह कुल 38 लोग पुलिस की गोलियों का शिकार हुए हैं।

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38 लोगों की मौत, अब कर 100 से ज्यादा मारे गए प्रदर्शनकारी

इसके पहले शनिवार को सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग की थी, जिसमें 13 लोग मारे गए थे। बताया जा रहा है कि देश में सैन्य सत्ता आने के बाद से अब तक 100 से भी ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं, जबकि 2100 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है। सोमवार को म्यांमार की सबसे लोकप्रिय नेता सू की को फिर से अदालत में पेश किया जाएगा।

म्यांमार में तख्तापलट का असर

गौरतलब है कि फरवरी में म्यांमार की सेना ने नेता आंग सान सू पर गंभीर आरोप लगाते हुए सत्ता कब्जा ली है। सेना का कहना है कि उन्होंने अवैध तरीके से 6 लाख डॉलर यानि लगभग 4 करोड़ 36 लाख रुपये और 11 किलो सोना जमा किया। तख्तापलट के बाद निर्वाचित सरकार को बेदखल कर सेना ने आंग सान सूकी व अन्य वरिष्ठ नेताओं को हिरासत में ले लिया था।

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तख्तापलट होने के बाद से देश के हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। वहीं अब यहां के प्रत्येक सार्वजनिक इमारत के बाहर सैनिकों को तैनात कर दिया गया है। लगातार भारी संख्या में तख्तापलट का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को नियंत्रण में लेने के लिए देश की सेना जुंटा ने देश के बड़े शहरों अस्पतालों, विश्वविद्यालय परिसरों और मंदिरों के बाहर सैनिकों को तैनात कर रखा है।

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