45 साल में पहली बार नासा के अंतरिक्ष यात्री समुद्र में उतरे
एलोन मस्क की कंपनी स्पेस एक्स के ‘ड्रैगन’ कैप्सूल में सवार होकर नासा के दो अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में करीब दो महीने की परीक्षण उड़ान के बाद पृथ्वी पर सकुशल लौट आये हैं ।
नई दिल्ली: एलोन मस्क की कंपनी स्पेस एक्स के ‘ड्रैगन’ कैप्सूल में सवार होकर नासा के दो अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में करीब दो महीने की परीक्षण उड़ान के बाद पृथ्वी पर सकुशल लौट आये हैं । ये अंतरिक्ष यात्री मेक्सिको की खाड़ी में दिन में 2 बज कर 48 मिनट पर उतरे। गत 45 साल में पहली बार ऐसा हुआ जब नासा का कोई अंतरिक्ष यात्री समुद्र में उतरा। अभी तक अंतरिक्ष यात्री रेगिस्तान में उतरते थे। इससे पहले नासा के अंतरिक्ष यात्री 24 जुलाई 1975 को अंतरिक्ष से पानी में उतरे थे। अमेरिका ने 45 वर्ष में पहली बार अंतरिक्ष यात्रियों को सीधे समुद्र में उतारा।
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1900 डिग्री तापमान
ड्रैगन कैप्सूल पृथ्वी की कक्षा से 28 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से धरती की ओर आया और उसने 560 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वायुमंडल में प्रवेश किया और अंतत: 24किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से मेक्सिको की खाड़ी में उतरा। इस दौरान वायुमंडल में घर्षण की वजह से कैप्सूल के बाहरी सतह का तापमान 1900 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। पृथ्वी की ओर लौटते समय कैप्सूल पर चार से पांच गुना अधिक गुरुत्वाकर्षण बल महसूस किया गया।
डाक्टर रहे मौजूद
समुद्र में कैप्सूल के गिरने के बाद उसे बाहर निकालने के लिए स्पेस एक्स का जहाज 40 कर्मचारियों के साथ तैनात था जिसमें डॉक्टर, नर्स आदि शामिल थे। महामारी में अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर जहाज पर सवार सभी 40 कर्मचारियों को ड्यूटी पर भेजने से पहले 14 दिनों के लिए आइसोलेशन में रखा गया था और उनकी कोरोना जांच की गई थी। इसके बाद मौके पर पहुंची स्पेसएक्स और नासा की टीम ने कैप्सूल को समुद्र से बाहर निकाला। इससे अंतरिक्ष में गए नासा के दो अंतरिक्ष यात्री बॉब बेह्नकेन (49) और डग्लस हर्ली (53) थे।
पृथ्वी पर उतरने के एक घंटे से भी ज्यादा समय बाद दोनों को कैप्सूल से निकाला गया। फ्लोरिडा के तटीय इलाके में चक्रवात इसायस का खतरा होने के बावजूद इन्होंने अपना मिशन जारी रखा। यान के उतरने के लिए एक ,दो नहीं, सात अलग-अलग स्थान चुने गए थे लेकिन मेक्सिको की खाड़ी पर ही इसके उतरने की संभावनाएं ज्यादा थी।
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नासा ने केनेडी स्पेस सेंटर से 30 मई को यह मिशन रवाना किया था। अंतरिक्ष यात्री 31 मई से ही इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर मौजूद थे। इस दौरान अंतरिक्ष में चहलकदमी करने के अलावा इन्होंने कई प्रयोग भी किए हैं। इस वापसी के साथ ही स्पेस एक्स के अगले महीने के अभियान का रास्ता भी साफ हो गया है।
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