नेपाल में ओली सरकार का विरोध, सड़क पर उतरे विपक्षी, ये है बड़ी वजह

चीन का पक्ष लेने के लिए नेपाली कांग्रेस (Nepali Congress) नेपाल की ओली सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आई और सरकार के खिलाफ नारेबारी की।

Update:2020-12-15 18:29 IST
ओली सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे विपक्षी दल

काठमांडू: सालों से भारत का मित्र देश रहे नेपाल की चीन के साथ नजदीकियां बढ़ती ही जा रही हैं। यहां तक नेपाल की ओली सरकार (KP Sharma Oli Government) वक्त वक्त पर चीन का पक्ष लेती हुई नजर आती है। लेकिन अब सरकार की हरकत के खिलाफ विपक्षी दल सड़कों पर उतर आए हैं। नेपाल की राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के बाद अब नेपाली कांग्रेस (Nepali Congress) भी ओली सरकार के खिलाफ खड़ी होती नजर आ रही है।

ओली सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे विपक्षी दल

नेपाली कांग्रेस सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रही है। सरकार के खिलाफ काठमांडू से सुलगी यह आग सुदूर पश्चिमांचल प्रदेश तक पहुंच गई है। इस विरोध प्रदर्शन में हजारों की तादाद में नेपाली कांग्रेस के कार्यकर्ता और राष्ट्रीय प्रजातांत्रिक पार्टी के समर्थक शामिल हैं। ये सभी चीन का पक्ष लेने के लिए सरकार के विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं। विपक्षी दलों के कार्यकर्ता PM केपी ओली और नेपाल सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं।

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(फोटो- सोशल मीडिया)

प्रधानमंत्री पर लगाए गए गंभीर आरोप

केवल इतना ही नहीं दोनों ही पार्टियों के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री केपी ओली पर कुछ गंभीर आरोप भी लगाए हैं। ओली की नेतृत्व वाली सरकार पर कार्यकर्ताओं और नेताओं ने आरोप लगाया है कि वह हाल में राजशाही के समर्थन में हुई रैलियों पर चुप्पी लगाए हुए बैठे हैं। बता दें कि हाल ही में देश के कई हिस्सों में रैलियां निकाली गई थीं, जिसमें संवैधानिक राजशाही को बहाल करने और नेपाल को फिर से एक हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग की गई।

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चीन के खिलाफ कई बार हो चुके हैं प्रदर्शन

बता दें कि चीन के खिलाफ नेपाल में इससे पहले भी कई प्रदर्शन हो चुके हैं। इससे पहले जब चीनी राजदूत होउ यान्की का नेपाल की आंतरिक राजनीति में दखल बढ़ा तो इसे लेकर भी नेपाल में छात्रों ने प्रदर्शन किया था। विश्लेषकों का कहना है कि पिछले पांच-छह सालों में नेपाल की आंतरिक राजनीति में चीन का दखल काफी बढ़ा है। इसके अलावा चीन द्वारा नेपाल की जमीन पर कब्जा करके भवन बनाए जाने के खिलाफ भी काठमांडू में विरोध प्रदर्शन किया गया था।

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