मौत वाली चीनी धूल: तेजी से बढ़ रही आपकी तरफ, अलर्ट हुए सारे देश
उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन प्रशासन ने देशवासियों को चीन से आ रहे रहस्यमय पीली धूल के बादल को लेकर आगाह किया है। प्रशासन का कहना है कि इससे कोरोना वायरस फैल सकता है।
नई दिल्ली: पूरी दुनिया इस वक्त कोरोना वायरस के कहर का सामना कर रही है। हालांकि एक ऐसा भी देश है जो अपने यहां कोविड-19 का एक भी मामला ना होने का दावा करता है। जी हां, हम बात कर रहे हैं उत्तर कोरिया (North Korea) की। उत्तर कोरिया हमेशा दावा करता रहा है कि वो महामारी से प्रभावित नहीं हुआ है, हालांकि अब देश के काफी डरा हुआ है।
पीली धूल के बादल को लेकर किया गया आगाह
दरअसल, हाल ही में उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन प्रशासन (Kim Jong Un) ने अपने नागरिकों के लिए एक अजीबोगरीब फरमान जारी किया है। प्रशासन ने अपने देशवासियों को चीन से आ रहे रहस्यमय पीली धूल के बादल को लेकर आगाह किया है। किम प्रशासन का कहना है कि चीन से रहस्यमयी पीली धूल के बादल आ रहे हैं, जो कोरोना वायरस को फैला सकते हैं।
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पीली धूल से फैल सकता है कोरोना
उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया के मुताबिक, देश वासियों से कहा गया है कि चीन से आ रही इस पीली धूल से कोरोना वायरस फैल सकता है, इसिलए लोग अपने घरों के अंदर ही रहें और खिड़की को बंद रखें। वहीं देश में चीन से आ रही खतरनाक पीली धूल (yellow dust) से बचने के लिए जरुरी कदम उठाए जा रहे हैं। उत्तर कोरिया के मुताबिक इस धूल से कोरोना वायरस का संक्रमण फैल सकता है।
आपको बता दें कि चीन से हर साल इस मौसम में पीली धूल उठती है। वहीं उत्तर कोरिया में चीन से आ रही पीली धूल से बचाव के लिए लगभग बंद कर दी गई है। ये एक तरह से लॉकडाउन की तरह ही है। इसके अलावा भी देश में कई तरह के उपाय किए जा रहे हैं ताकि इस धूल से बचा जा सके। ताकि किसी भी तरह से देश में कोरोना वायरस ना फैल सके।
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क्या है चीन से आ रही पीली धूल?
पीली धूल असर में चीन और इनर मंगोलिया के रेगिस्तान से उड़ने वाली धूल है। जिस चाइना डस्ट स्टॉर्म या एशियन डस्ट भी कहा जाता है। ये हर साल सितंबर-अक्टूबर महीने के आसपास तेज चलने वाली हवा के साथ उड़ती है। तेज हवा से रेत के हल्के कण उड़ते हुए चीन से होते हुए उत्तर कोरिया, दक्षिण कोरिया और जापान के आसमान में भी चले जाते हैं। कई बार ये धूल अमेरिका के आसमान को भी अपने चपेट में ले लेती है। इस धूल की बड़ी वजह चीन में तेजी से कल-कारखानों का बनना है।
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बता दें कि चीन में औद्योगिकीकरण में काफी तेजी आई है। इस धूलभरी हवा में चीन के कारखाने की प्रदूषित हवा भी मिलने लगी, जिससे यह और खतरनाक हो चुकी है। स्टडी के मुताबिक, चीन की धूल में 24 से 32 फीसदी सिलिकॉन की मात्रा होती है। इसके अलावा भी इसमें एलुमीनियम, कैल्शियम, मर्करी और कैडियम जैसे खतरनाक तत्व मिले होते हैं। जो अगर सांस के द्वारा अंदर चले जाएं तो फेफड़ों से जुड़ी गंभीर समस्याएं पैदा करता है।
कई गंभीर बीमारियां होने का भी है खतरा
यहीं नहीं इससे कई गंभीर बीमारियां भी होने का खतरा रहता है। इस पीली धूल से लंग टिश्यू के मरने और लंग कैंसर जैसी बीमारियां भी बढ़ी हैं। धूल के कण सीधे खून में मिलकर गर्भ में शिशु को भी गंभीर विकृतियां दे सकते हैं। इसलिए उत्तरी कोरिया में इस धूल को लेकर चेतावनी जारी की गई है।
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