ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन के ट्रायल में बड़ी गड़बड़ी, पढ़ें ये चौंकाने वाली रिपोर्ट
पूरी दुनिया में ऑक्सफोर्ड- एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन का इस्तेमाल जोरों पर किया जा रहा है। ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को यूके, यूरोपीय संघ और भारत सहित कई देशों में इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है।
वाशिंगटन: ऑक्सफोर्ड- एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन विवादों में घिर गई है। एक नई रिपोर्ट आने के बाद से ऑक्सफोर्ड- एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन के इस्तेमाल पर फिर से सवाल उठने लगे हैं।
आरोप है कि इस वैक्सीन के आखिरी चरण के ट्रायल में शामिल हुए लगभग 1500 वॉलंटियर्स को वैक्सीन की गलत डोज दी गई थी। इतना ही नहीं नहीं, इस गलती को वॉलंटियर्स से भी छिपाया गया था। ये चौंकाने वाला खुलासा न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने एक डाक्यूमेंट्स के बेस पर किया है।
रॉयटर्स ने इस दस्तावेज को फ्रीडम ऑफ इंफॉर्मेशन के आधार पर ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से प्राप्त किया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि ऑक्सफोर्ड शोधकर्ताओं द्वारा मापने की गलती के कारण वॉलंटियर्स को वैक्सीन की लगभग आधी ही डोज दी गई थी।
इस दस्तावेज पर ऑक्सफोर्ड के प्रोफेसर और ट्रायल के चीफ इन्वेस्टिगेटर एंड्रयू जे पोलार्ड ने साइन किया था। लेकिन पोलार्ड के पत्र में इस तरह की किसी भी गलती को स्वीकार नहीं किया गया है।
घर पर बेस्ट केयर: हेल्थकेयर का भविष्य है टेलीहेल्थ- Sprint Medical
शोधकर्ता ने वॉलंटियर्स के साथ ट्रायल में नहीं बरती पारदर्शिता
एक्सपर्ट्स का तो ये तक कहना है कि शोधकर्ता ने वॉलंटियर्स के साथ पारदर्शिता नहीं बरती जबकि उन्हें ट्रायल में किसी भी तरह के बदलाव की पूरी जानकारी देनी चाहिए थी।
उस समय गलत डोज की जानकारी शोधकर्ताओं ने ब्रिटिश मेडिकल रेगुलेटरर्स को दी थी। रेगुलेटर्स ने तब ऑक्सफोर्ड को ट्रायल की वास्तविक योजना के अनुसार वैक्सीन की पूरी डोज देने के लिए वॉलंटियर्स का एक दूसरा ग्रुप भी बनाने को कहा था। लेकिन पोलार्ड के पत्र में इस तरह की किसी भी गलती को स्वीकार नहीं किया गया है।
वॉलंटियर्स से बात छिपाने के लिए उन्हें इस बात की भी जानकारी नहीं दी गई कि इस आधे-अधूरे डोज से उन्हें किस तरह का खतरा हो सकता है। डोज में गड़बड़ी और बुजुर्गों पर इसके एफीकेसी डेटा में कमी के कारण ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन जांच के घेरे में आ गई है।
Co-WIN App में स्वास्थ्य मंत्रालय ने किया ये बड़ा बदलाव, जानें क्या है इसकी वजह
यूके, यूरोपीय संघ और भारत समेत कई देशों में हो रहा इस वैक्सीन का इस्तेमाल
गौरतलब है कि पूरी दुनिया में ऑक्सफोर्ड- एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन का इस्तेमाल जोरों पर किया जा रहा है।
ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को यूके, यूरोपीय संघ और भारत सहित कई देशों में इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है।
सबसे पहले यूके में इस वैक्सीन को मंजूरी मिली थी जिसके बाद 4 जनवरी से लोगों को टीका लगाने का काम शुरू किया गया था।
Health index 2021: सिंगापुर में स्वास्थ्य सेवा सबसे बेहतर, जानें बाकी देशों का हाल
दोस्तों देश दुनिया की और को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर