कोरोना की वैक्सीन पर आई बड़ी खबर, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी को मिली यह कामयाबी

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक कोरोना की वैक्सीन खोजने में काफी दिनों से लगे हुए हैं। इन वैज्ञानिकों ने शुरुआत में बंदरों के एक समूह पर इस वैक्सीन का इस्तेमाल किया है और नतीजे काफी प्रभावकारी पाए गए हैं।

Update:2020-05-15 19:23 IST

अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली। दुनिया भर के वैज्ञानिक इन दिनों कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने में जुटे हुए हैं। कोरोना संकट के कारण पूरी दुनिया परेशान है और ऐसे में वैज्ञानिकों का प्रयास है कि जल्द से जल्द कोरोना की वैक्सीन खोजी जाए ताकि पूरी दुनिया को इस संकट से निजात मिल सके। इस बीच ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी कोरोना वायरस की वैक्सीन के मामले में बड़ी कामयाबी मिली है। बंदरों पर इस वैक्सीन का ट्रायल सफल रहा है और अब इंसानों पर इसका ट्रायल किया जा रहा है। इंसानों पर किए गए ट्रायल के नतीजे आना अभी बाकी है।

बंदरों पर वैक्सीन का ट्रायल सफल

दरअसल, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक कोरोना की वैक्सीन खोजने में काफी दिनों से लगे हुए हैं। इन वैज्ञानिकों ने शुरुआत में बंदरों के एक समूह पर इस वैक्सीन का इस्तेमाल किया है और नतीजे काफी प्रभावकारी पाए गए हैं। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि बंदरों में कोरोना वायरस छोड़े जाने से पहले उन्हें वैक्सीन का टीका लगाया गया था।

14 दिनों में एंटी बॉडी विकसित

इस दौरान पाया गया कि कुछ बंदरों के शरीर में 14 दिनों के भीतर इस वायरस के खिलाफ एंटी बॉडी विकसित हो गए जबकि कुछ बंदरों में एंटी बॉडी विकसित होने में 28 दिन का समय लग गया। जानकारों का कहना है कि शुरुआती शोध पर अन्य वैज्ञानिकों के रिव्यू आने बाकी हैं और उनके रिव्यू आने के बाद ही इस पर मुहर लगेगी।

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दवा कंपनी भी अभियान से जुड़ी

ब्रिटिश दवा निर्माता कंपनी एस्ट्रा जेनेका भी कोरोना वैक्सीन बनाने के इस अभियान से जुड़ी हुई है। इस दवा कंपनी का कहना है कि उसने ऑक्सफोर्ड वैक्सीन ग्रुप और जेनेर इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं को जोड़ा है। शोधकर्ताओं की टीम कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन विकसित करने की कोशिश में जुटी हुई है। लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन के प्रोफेसर स्टीफन इवांस ने कहा कि बंदरों पर शोध करने के जो नतीजे आए हैं, वह निश्चित रूप से एक अच्छी खबर है।

इंसानों पर भी किया गया ट्रायल

शोधकर्ताओं का कहना है कि अभी 1000 लोगों को ट्रायल के तौर पर उनकी इच्छा से यह वैक्सीन लगाई जा चुकी है। इंसानों पर इस वैक्सीन के ट्रायल का स्पष्ट निष्कर्ष एक महीने के भीतर मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। जानकारों का कहना है कि टीका विकसित करने के चरण में पहले बंदरों पर उस ट्रायल का सफल होना जरूरी होता है।

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वैज्ञानिकों को ट्रायल के नतीजे का इंतजार

वैज्ञानिकों का कहना है कि कई टीके लैब में बंदरों की रक्षा कर पाते हैं मगर इससे यह नहीं बना जा सकता कि इंसानों पर भी उनका ट्रायल कामयाब होगा। इसलिए अभी निश्चित रूप से इस मामले में कुछ नहीं कहा जा सकता। हम इंसानों पर इस वैक्सीन के ट्रायल के नतीजे का इंतजार कर रहे हैं।

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