पाक का अवैध कब्जा: भारत के इस हिस्से को बताया अपना, चीन के साथ नई चाल

पाकिस्तान ने गिलगित-बाल्टिस्तान को प्रोविजनल यानी अंतरिम प्रांत का दर्जा देनी की घोषणा की है। पाक के इस फैसले के पीछे चीन का बड़ा हाथ माना जा रहा है। 

Update: 2020-11-02 13:28 GMT
पाक का अवैध कब्जा: भारत के इस हिस्से को बताया अपना, चीन के साथ नई चाल

नई दिल्ली: पाकिस्तान अब चीन की संगत में आकर भारत के खिलाफ लगातार नई साजिशें रच रहा है। अब पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ एक और नापाक चाल चली है। दरअसल, प्रधानमंत्री इमरान खान ने गिलगित-बाल्टिस्तान को प्रोविजनल यानी अंतरिम प्रांत का दर्जा देनी की घोषणा की है। इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने घोषणा की है कि गिलगित-बाल्टिस्तान को संवैधानिक अधिकार देंगे। यहां तक यहां पर चुनाव कराने की भी बात हो रही है।

नेपाल की ही तरह गुस्ताखी कर रहा पाकिस्तान

बता दें कि भारत पाकिस्तान के इस फैसले का लगातार विरोध करता आया है। पाकिस्तान में ही इसे चुनौती दी जा रही है। बताते चलें कि पहले पाकिस्तान इसे केवल विवादित क्षेत्र कहता था, लेकिन अब इस पर अपना कब्जा जमाना चाह रहा है। बता दें कि इससे पहले चीन भारत के तीन अभिन्न अंगों को अपना बताने की गलती कर चुका है। अब पाकिस्तान भी यही गुस्ताखी कर रहा है। दरअसल, जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 खत्म किए जाने के बाद से उसने बौखलाहट में यह कदम उठाया है।

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(फोटो- सोशल मीडिया)

इसलिए बौखलाया है पाकिस्तान

बीते साल भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाकर उसके विशेष दर्जे को निरस्त कर दिया और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था। जिसमें गिलगित-बाल्टिस्तान वाला हिस्सा भी था, जिस पर पाकिस्तान ने कब्जा कर रखा है। इस हिस्से को भारतीय नक्शे में लद्दाख में दिखाया गया।

भारत का अभिन्न अंग है गिलगित बाल्तिस्तान

आपको बता दें कि आजादी से पहले गिलगित बाल्तिस्तान जम्मू-कश्मीर रियासत का अंग हुआ करता था, लेकिन बंटवारे के बाद इस पर पाकिस्तान ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया है। हालांकि भारत हमेशा इस पर अपना दावा करता आया है और गिलगित बाल्तिस्तान को अपना अभिन्न अंग बताया आया है। यही नहीं खुद यहां के लोगों ने पाकिस्तान के तहत रहने से इनकार कर दिया।

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(फोटो- सोशल मीडिया)

पाकिस्तान के इस फैसले के पीछे चीन की बड़ी भूमिका

वहीं पाकिस्तान के इस तरह से अचानक इस इलाके में सक्रिय हो जाने के पीछे चीन की बड़ी भूमिका मानी जा रही है। क्योंकि पाकिस्तान उसके मित्र देश चीन के कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है। वहीं चाइना-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) का अधिकतर हिस्सा भी गिलगित-बाल्टिस्तान से ही होकर गुजरता है, इसलिए उसे कब्जाने के लिए पाकिस्तान ने यह कदम उठाया है।

अवैध है पाकिस्तान का कब्जा

बता दें कि गिलगित-बाल्टिस्तान पर पाकिस्तान का कब्जा पूरी तरह अवैध है। वह इस इलाके पर बेवजह कब्जा करता है। खुद पाकिस्तानी सेना भी इसका समर्थन नहीं करती है। लेकिन अब चीनी प्रोजेक्ट में कोई बाधा न आए, इसके लिए उसने ये चुनाव का नया दांव खेला है।

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