तबाह हुआ पाकिस्तान: इस देश ने भी छोड़ा साथ, लगा तगड़ा झटका

कोरोना महामारी की भीषण तबाही और आर्थिक संकट से बुरी तरह घिरे पाकिस्तान को अब फिर तगड़ा झटका लगा है। संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब के बाद कतर ने पाकिस्तान के लिए अहम कदम उठाया है।

Update: 2020-06-04 12:18 GMT

नई दिल्ली : कोरोना महामारी की भीषण तबाही और आर्थिक संकट से बुरी तरह घिरे पाकिस्तान को अब फिर तगड़ा झटका लगा है। संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब के बाद कतर ने पाकिस्तान के लिए अहम कदम उठाया है। जीं हां कतर ने भी पाकिस्तान की अहम परियोजनाओं में निवेश करने से सख्त मना कर दिया है। हालांकि कतर ने पाकिस्तान में निवेश करने को लेकर शुरुआत में तो दिलचस्पी दिखाई लेकिन अब उसने भी अपने आप को पीछे कर लिया है।

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कतर ने दिया तगड़ा झटका

कतर ने पाकिस्तान पर बड़ी कार्यवाही करते हुए ये फैसला लिया है। कतर ने पाकिस्तानी सरकार से इस्लामाबाद एयरपोर्ट, जिन्ना इंटरनेशनल एयरपोर्ट और अलामा इकबाल एयरपोर्ट के मालिकाना हक के स्थानांतरण को लेकर वार्ता की थी।

इसके लिए कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी ने पाकिस्तानी सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी में 40 प्रतिशत तक की हिस्सेदारी खरीदने में भी दिलचस्पी दिखाई थी। हालांकि, सरकार के एयरपोर्ट की व्यावसायिक गतिविधियों को आउटसोर्स कराने के प्रस्ताव के बाद से कतर ने निवेश करने से मना कर दिया है।

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निवेश से मना कर दिया

वहीं इस पर पाकिस्तानी मीडिया से सामने आई रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान एयरपोर्ट में पार्किंग सर्विसेज, टक शॉप सर्विसेज, रेस्टोरेंट जैसी सेवाओं को आउटसोर्स करना चाहता है जिससे एयरपोर्ट का ऑपरेशनल कंट्रोल उसी के पास रहे। लेकिन कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी ने इसी प्रस्ताव को कारण बताकर निवेश से मना कर दिया है।

पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान पीएम इमरान खान ने कतर में निवेश लाने में नाकामयाब रहने को लेकर अधिकारियों से नाराजगी व्यक्त की है।

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काफी तगड़ा झटका

बता दें, कि सऊदी अरब और यूएई पहले ही इस परियोजना से बाहर हो चुके हैं। वहीं विश्लेषकों का ये भी मानना है कि कतर के बाहर होने से पाकिस्तान की विकास परियोजना को काफी तगड़ा झटका लगा है।

पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, परियोजना पर काम आगे बढ़ाने और दूसरे विकल्पों को तलाश करने के लिए एक समिति का भी गठन किया गया है।

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