डरा पाकिस्तान: अमेरिका की फटकार के बाद आई अकल, किया ये काम

आतंकियों के देश पकिस्तान में जुर्म का पता चल जाने पर भी आतंकियों को सजा न देकर पनाह दी जाती है।ऐसा ही पाकिस्तान एक बार फिर करने की सोच रहा था।

Update: 2020-04-04 06:56 GMT

पाकिस्तान हमेशा से आतंकियों को पनाह देने के लिए जाना जाता है। आतंकियों के देश पकिस्तान में जुर्म का पता चल जाने पर भी आतंकियों को सजा न देकर पनाह दी जाती है। वहां ऐसे ही आतंकी सरकार की पनाह में खुले आम घुमते रहते हैं। ऐसा ही पाकिस्तान एक बार फिर करने की सोच रहा था। लेकिन अमेरिका की फटकार के बाद पाकिस्तान ने अपना इरादा बदल दिया। और अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल का हत्यारा आतंकी अहमद उमर शेख जो जेल से बाहर आने ही वाला था लेकिन अमेरिका की फटकार सुनने के बाद पाकिस्तान एक्शन लेने पर मजबूर हुआ है।

बदला कोर्ट का फैसला

अमेरिका की फटकार के बाद सिंध सरकार ने अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या के चारो आरोपियों के खिलाफ मेंटेनेंस ऑफ पब्लिक ऑर्डर कानून लगा दिया। इससे पहले सिंध हाई कोर्ट द्वारा पत्रकार की हत्या के मुख्य आरोपी अहमद उमर शेख की मौत की सजा को कम कर दिया था और बाकी आरोपियों को बरी कर दिया था।

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बाकी आरोपियों में फहाद नसीम, सईद सलमान साकिब और शेख मोहम्मद आदिल के नाम शामिल हैं। जो आतंकी हमद उमर शेख के सहयोगी हैं।

18 साल सजा काट चुके आरोपी को 7 साल की सजा

इससे पहले सिंध अदालत ने आतंकी उमर शेख को महज किडनैपिंग का आरोपी मान कर उसे सिर्फ सात साल की सजा सुनाई। पाक की कारीगरी ये ही है की जो आरोपी 18 साल से सन 2002 से जेल में ही है और पहले ही 18 साल की सजा काट चुका है। उसे अदालत ने महज 7 साल की सजा सुनाई। वाह रे पाकिस्तान!

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यही नहीं सिंध अदालत के अनुसार आतंकी उमर जेल से रिहा हो सकता है और एक आम इन्सान की तरह बेगुनाह की ज़िन्दगी गुज़ार सकता है। इसके अलावा बाकी तीनों आरोपी जो इस मामले में पहले से ही सजा काट रहे हैं उन्हें भी अदालत ने रिहा कर दिया। बता दें की ये तीनों आरोपी भी उम्र कैद की सजा काट रहे थे।

भारत-अमेरिका ने की फैसले की आलोचना

सिंध कोर्ट के इस फैसले के बाद अमेरिका ने अदालत के इस फैसले की कड़ी आलोचना की। और पकिस्तान को धमकाते हुए इसे एक बड़ा झटका करार दिया। अमेरिका के विदेश मंत्रालय की अधिकारी एलिस वेल्स ने कहा कि डेनियल पर्ल के हत्यारों की सजा को पलट देना आतंकवाद के पीड़ितों के लिए झटके जैसा है। अमेरिका के अलावा भारत ने भी पाकिस्तान के के इस फैसले को गलत बताते हुए इसकी निंदा की थी।

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अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने फैसले की आलोचना होने के बाद पाकिस्तान की सिंध सरकार ने अपना फैसला बदलते हुए हत्या के चारो आरोपियों के खिलाफ मेंटेनेंस ऑफ पब्लिक ऑर्डर कानून लगाया। पाक की पलटू सरकार ने बाद में कहा कि इन आरोपियों को छोड़ने से कानून व्यवस्था को खतरा है। सिंध सरकार ने हाई कोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की घोषणा की है।

2002 में हुई थी घटना

बता दें कि डेनियल पर्ल ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ के दक्षिण एशिया ब्यूरो प्रमुख थे और वर्ष 2002 में पाकिस्तान में आतंकवादियों ने उनका अपहरण कर सिर कलम कर दिया था। डेनियल पर्ल आईएसआई और अल कायदा के बीच संबंधों की जांच कर रहे थे।

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आतंकी उमर शेख भारत की जेल में बंद था। साल 1999 में इंडियन एयरलाइंस के विमान को हाईजैक कर छोड़ने के एवज में भारत सरकार ने आतंकी उमर शेख, मौलाना मसूद अजहर और मौलाना मुश्ताक अहमद जरगर को रिहा किया था।

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