पाक सरकार में सैन्य अफसरों का दबदबा बढ़ा, इमरान खान की ऐसी हो गई हालत

पाकिस्तान की इमरान सरकार पर सेना की पकड़ लगातार मजबूत होती जा रही है। सरकार के कई महत्वपूर्ण पदों पर सेना से जुड़े अफसर काबिज हैं और वही महत्वपूर्ण फैसले ले रहे हैं।

Update:2020-06-10 20:13 IST

अंशुमान तिवारी

इस्लामाबाद: पाकिस्तान की इमरान सरकार पर सेना की पकड़ लगातार मजबूत होती जा रही है। सरकार के कई महत्वपूर्ण पदों पर सेना से जुड़े अफसर काबिज हैं और वही महत्वपूर्ण फैसले ले रहे हैं। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि पाक सरकार में 12 से ज्यादा महत्वपूर्ण पदों पर सेना से जुड़े लोगों का कब्जा हैं। ये अफसर या तो मौजूदा समय में सेना में तैनात हैं या रिटायर हो चुके हैं।

पर्दे के पीछे से सैन्य अफसर चला रहे सरकार

पिछले दो महीने के दौरान सरकार से जुड़े तीन महत्वपूर्ण पदों पर सेना के अफसरों की नियुक्ति की गई है। इससे समझा जा सकता है कि पर्दे के पीछे से सेना के अफसर ही सरकार चला रहे हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की लोकप्रियता में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। देश की अर्थव्यवस्था लगातार कमजोर होती जा रही है और महंगाई ने लोगों का जीना दूभर कर दिया है। सरकारी महकमों में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच चुका है।

इमरान की लगातार कमजोर होने के कारण सेना का कद बढ़ गया है। विश्लेषकों का कहना है कि इमरान खान के लिए स्थितियां लगातार विपरीत होती जा रही हैं और उनके लिए अब सेना का समर्थन काफी महत्वपूर्ण हो गया है।

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अधिकांश समय सत्ता पर काबिज रही है सेना

वैसे पाकिस्तान में सेना का मजबूत होना कोई नई बात नहीं है। देश के सात दशक के इतिहास में अधिकांश समय सत्ता पर सेना का ही कब्जा रहा है। दो साल पहले सत्ता में आने के समय इमरान ने नया पाकिस्तान बनाने का वादा किया था। उन्होंने बेरोजगारों को काम देने और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने का भी दावा किया था। इमरान खान के वादे अब उन पर भारी पड़ने लगे हैं क्योंकि वे इन वादों को पूरा करने में पूरी तरह नाकाम साबित हुए हैं।

सैन्य अफसरों की नियुक्ति से गलत संदेश

अटलांटिक काउंसिल में नॉन रेसिडेंट सीनियर फेलो उजैर युनूस का कहना है कि सरकार के महत्वपूर्ण पदों पर सैन्य अफसरों की नियुक्ति से गलत संदेश जा रहा है। इन नियुक्तियों से सरकार जता रही है कि देश की नीतियों के निर्धारण व उन्हें लागू करने में आम लोगों की कोई भूमिका नहीं है। पाकिस्तान में टीवी पर इन दिनों ब्रीफिंग के दौरान कई सैन्य अफसर दिख रहे हैं।

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कोरोना काल में महत्वपूर्ण हुए अफसर

कोरोना संकट काल में भी सैन्य अफसरों की भूमिका महत्वपूर्ण दिख रही है। महामारी रिस्पॉन्स टीम की मदद में इन अफसरों की की महत्वपूर्ण भूमिका है। कोरोना महामारी से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां भी ये अफसर ही दे रहे हैं। रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल असीम सलीम बाजवा को इमरान सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका देते हुए कम्युनिकेशन एडवाइजर बना दिया गया है।

इमरान ने आरोपों को खारिज किया

पाकिस्तान में विपक्षी दल भी प्रधानमंत्री इमरान खान पर सेना की मदद से सरकार चलाने का आरोप लगाते रहे हैं। हालांकि इमरान इन आरोपों को खारिज करने के साथ ही यह भी कहते रहे हैं कि 2017 के चुनाव से पहले वे सेना के करीबी नहीं थे। पिछले साल उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान यह बात जरूर कही थी कि सेना उनके साथ खड़ी है। कोरोना संकट काल में पाकिस्तान का आर्थिक संकट और गहरा गया है और इस वजह से तनाव भी बढ़ रहा है। एशिया में भारत के बाद कोरोना का सबसे ज्यादा कहर पाकिस्तान में ही दिख रहा है। पाकिस्तान में करीब 1,15,000 लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं 22 सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

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लगातार बिगड़ रहे आर्थिक हालात

पाकिस्तान में आर्थिक हालात इतने बदतर हो चुके हैं कि विकास दर पहली बार माइनस में पहुंच चुकी है। देश के सेंट्रल बैंक का भी आकलन है कि जून के आखिर तक जीडीपी में 1.5 प्रतिशत की गिरावट आएगी। जानकारों का कहना है कि देश आर्थिक संकट के भंवर में फंसता जा रहा है। जानकारों का मानना है कि अहम पदों पर सैन्य अफसरों की तैनाती के कारण आने वाले दिनों में सेना की पकड़ और मजबूत होगी।

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