पाकिस्तान ने करतारपुर कॉरिडोर पर बदला पुराना फैसला, अब होगी बड़ी फजीहत
पाकिस्तान की पहचान दुनिया में एक ऐसे देश के तौर पर होती है। जो झूठे बयानों के लिए जाना जाता है। बयान देकर पीछे हटना उसकी फितरत में है। इस बार भी उसने कुछ ऐसा ही किया है जिसे लेकर पाकिस्तान एक बार फिर से चर्चा में है।
इस्लामाबाद: पाकिस्तान की पहचान दुनिया में एक ऐसे देश के तौर पर होती है। जो झूठे बयानों के लिए जाना जाता है। बयान देकर पीछे हटना उसकी फितरत में है। इस बार भी उसने कुछ ऐसा ही किया है जिसे लेकर पाकिस्तान एक बार फिर से चर्चा में है।
दरअसल खबर करतारपुर कॉरिडोर से जुड़ी हुई है। जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान करतारपुर कॉरिडोर को लेकर अपने बयान से पलट गया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक़ करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन की तारीख़ अभी तय नहीं है।
यहां आपको बता दे कि पहले पाकिस्तान ने कहा था कि 9 नवंबर को करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन होना है। इतना ही नहीं पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने एक कदम आगे आकर बयान दिया था कि वो 9 नवंबर को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन के शामिल होने के लिए खुद आमंत्रित करेंगे।
इसके बाद से चर्चा शुरू हो गई थी कि क्या मनमोहन सिंह पाकिस्तान जायेंगे? इस बीच कांग्रेस के कुछ नेताओं के तरफ से बयानबाजी शुरू हो गई थी। जिसमें उन्होंने मनमोहन सिंह के पाक जाने की बात से इनकार किया था।
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करतारपुर कॉरिडोर जाने वाले श्रदालुओं से वसूलेगा जाएगा चार्ज
पाकिस्तान ने करतारपुर कॉरिडोर से जाने वालों से 20 अमेरिकी डॉलर (1,425 रुपये) वसूलने का फैसला किया है। यह सर्विस चार्ज की तरह लिया जाएगा। पाकिस्तान के विदेश मंत्री डॉ मोहम्मद फैसल ने इस फैसले की जानकारी दी।
माना जा रहा है कि ये पैसे पानी और यदि कोई बीमार पड़ता है तो उसके दवाई के लिए लिया जा रहा है। बता दें कि पाकिस्तान इस गलियारे से हर दिन 5,000 श्रद्धालुओं को गुरुद्वारा आने की इजाजत देने की बात कही है और विशेष मौकों पर इस संख्या को बढ़ाया भी जा सकता है।
इससे पहले भारत और पाकिस्तान के बीच तीसरे दौर की बातचीत बेनतीजा रही थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिख श्रद्धालुओं के लिए प्रस्तावित करतारपुर गलियारे के मसौदा समझौते को अंतिम रूप देने में पाकिस्तान ने यह कहकर अड़ंगा लगा दिया था कि वे सभी तीर्थयात्रियों से ‘सर्विस फीस’ वसूलेंगे।
इसके साथ ही पाकिस्तान ने भारत की उस मांग को भी खारिज कर दिया था। जिसमें उसने करतारपुर गलियारे में आने-जाने के दौरान सिख तीर्थयात्रियों के साथ प्रोटोकॉल अधिकारी को भेजने की बात कही थी।
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