पाकिस्तान का दोहरा चरित्र! गैर-मुस्लिमों संग संसद कर रहा गलत काम
इस मामले को लेकर अली मुहम्मद का कहना है कि पाकिस्तान एक इस्लामिक गणराज्य है जहां केवल एक मुस्लिम ही प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति बन सकता है।
इस्लामाबाद: दुनिया में हर लोकतांत्रिक देश में हर धर्म को एक सामान अधिकार प्राप्त हैं। मगर पाकिस्तान इसके विपरीत काम करता है। एक बार पाकिस्तान का दोहरा चरित्र दुनिया के सामने आया है। वैसे तो कश्मीर की दुहाई पाक दुनियाभर में देता है लेकिन उसका अब असली सांप्रदायिक चेहरा सबके सामने आ गया है।
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दरअसल पाकिस्तानी संसद ने उस विधेयक पर रोक लगा दी है, जिसमें गैर-मुस्लिमों को पीएम या राष्ट्रपति बनने की इजाजत दी गई है। गौर करने वाली बात ये है कि आज तक इस्लामी गणराज्य पाकिस्तान में कभी कोई गैर-मुस्लिम प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति नहीं बना है।
ईसाई सांसद लाना चाहते थे विधेयक
बुधवार को पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के ईसाई सांसद डॉक्टर नवीद आमिर जीवा चाहते थे कि विधेयक प्रस्तुत हो। जीवा चाहते थे कि विधेयक के जरिए आर्टिकल 41 और 91 में संशोधन कर गैर-मुस्लिमों को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति बनने की इजाजत दी जाए। मगर प्रस्तावित विधेयक का संसदीय मामलों के राज्यमंत्री अली मुहम्मद ने इसका विरोध किया।
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इस मामले को लेकर अली मुहम्मद का कहना है कि पाकिस्तान एक इस्लामिक गणराज्य है जहां केवल एक मुस्लिम ही प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति बन सकता है। वहीं, अब कई लोग इस फैसले के विरोध में हैं तो कई इसका समर्थन भी कर रहे हैं। वैसे ये पहला मौका नहीं है जब पड़ोसी मुल्क में इस तरह का कोई मुद्दा उठा हो।