भाड़े के पाकिस्तानी सैनिक: अजरबैजान-आर्मेनिया युद्ध, इस देश का दे रहे साथ
यह युद्ध 4400 वर्ग किलोमीटर के नागोर्नो कराबाख क्षेत्र पर कब्जे को लेकर हो रहा है। अजरबैजान इस क्षेत्र को अपना हिस्सा मानता है लेकिन इस पर आर्मेनिया के जातीय गुटों का राज है। युद्ध में अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है।
नई दिल्ली: अजरबैजान और अर्मेनियाई सेना के बीच पांच दिन से जारी भीषण युद्ध जारी है। दोनों देशों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के युद्ध विराम के आग्रह को भी दरकिनार कर दिया है। इस बढ़ते तनाव के बीच नाटो के सहयोगी देश फ्रांस और तुर्की ने भी नाराजगी जताई है। नागोरनो-काराबाख के क्षेत्र पर कब्जे को लेकर दोनों देश एक दूसरे पर गोलाबारी करते रहे।
अजरबैजान की ओर से लड़ रहे पाकिस्तानी लड़ाके
बता दें कि नागोर्नो-कराबाख क्षेत्र को लेकर आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच जारी जंग में पाकिस्तान के भी कूदने की चर्चा है। आर्मेनिया के उप विदेश मंत्री एवेट एडोन्ट्स ने कहा कि जमीनी युद्ध में अजरबैजान में सक्रिय ‘भाड़े के सैनिकों’ के रूप में पाकिस्तानी लड़ाकों की संभावना को खारिज नहीं किया जा सकता।
एडोन्ट्स ने एक भारतीय समाचार चैनल के साथ राजधानी येरेवान से बात करते हुए इस मुद्दे पर पूछे सवाल के जवाब में कहा, यह हमारे लिए आश्चर्य की बात नहीं होगी, क्योंकि 1990 के दशक में नागोर्नो-कराबाख में युद्ध छिड़ने के समय वहां पाकिस्तानी मौजूद थे।
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यह युद्ध तुर्की के साथ संयुक्त रूप से सुनियोजित
दरअसल, दो नागरिकों के बीच टेलीफोन पर हुई वार्ता के आधार पर एक अर्मेनियाई समाचार रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अजरबैजान की ओर से पाकिस्तानी सैनिक लड़ रहे हैं। वहीं, एडोन्ट्स ने जिहादियों को अजरबैजान भेजने के लिए तुर्की की भी खिंचाई की और आरोप लगाया कि हम पर थोपा गया यह युद्ध तुर्की के साथ संयुक्त रूप से सुनियोजित है।
यह मामला, आर्मेनिया के जातीय गुटों का राज
बता दें कि यह युद्ध 4400 वर्ग किलोमीटर के नागोर्नो कराबाख क्षेत्र पर कब्जे को लेकर हो रहा है। अजरबैजान इस क्षेत्र को अपना हिस्सा मानता है लेकिन इस पर आर्मेनिया के जातीय गुटों का राज है। युद्ध में अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है।
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दो लोगों की वार्ता में पाकिस्तानी सैनिकों को इकट्ठा करने का जिक्र
स्थानीय न्यूज वेबसाइट फ्रीन्यूजडॉटएएम के मुताबिक, जिस बातचीत के आधार पर पाकिस्तान की मौजूदगी का दावा किया जा रहा है, उसमें एक शख्स कह रहा है कि चिंता मत करो, 7-8 गांवों को आजाद कर दिया गया, वहीं दूसरा शख्स कहता है, हां मुझे पता है। मैंने इंस्टाग्राम पर देखा है कि फिजुली, अगदम को कब्जे से मुक्त किया गया है। यह पूछे जाने पर कि क्या गोलीबारी दूसरे नागरिक क्षेत्र में हो रही है, पहला शख्स कहता है, उन्होंने पाकिस्तानी सैनिकों को इकट्ठा किया है और उन्हें अगदम की ओर ले गए हैं।
अजरबैजान और आर्मेनिया युद्ध, आर्मेनिया संघर्ष विराम पर चर्चा को तैयार
आर्मेनिया के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि देश संघर्ष विराम पर चर्चा को तैयार है। 1994-95 के समझौतों के आधार पर संघर्ष विराम की व्यवस्था स्थापित करने को मिन्सक समूह (रूस, फ्रांस और अमेरिका के अधिकारी) के साथ जुड़ने के लिए तैयार है।