भगोड़ा मुशर्रफ: आ रहे कश्मीर में टगड़ी मारने, शुरू किया ये काम
पाकिस्तान के पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ ने एक बार फिर से पाक की राजनीति में वापस आने का फैसला किया है। इसी के साथ परवेज मुशर्रफ ने कश्मीर घाटी को लेकर बड़ा बयान दिया है। मुशर्रफ ने कहा- कश्मीर पाकिस्तान के खून में है और कुछ भी हो जाए, सेना के साथ देश कश्मीरी लोगों के साथ खड़ा रहेगा।
नई दिल्ली : पाकिस्तान के पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ ने एक बार फिर से पाक की राजनीति में वापस आने का फैसला किया है। इसी के साथ परवेज मुशर्रफ ने कश्मीर घाटी को लेकर बड़ा बयान दिया है। मुशर्रफ ने कहा- कश्मीर पाकिस्तान के खून में है और कुछ भी हो जाए, सेना के साथ देश कश्मीरी लोगों के साथ खड़ा रहेगा।
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मुशर्रफ ने किया करगिल की लड़ाई का जिक्र
इसी के साथ ही परवेज मुशर्रफ ने करगिल की लड़ाई का भी जिक्र किया और ये आरोप भी लगाया है कि पाकिस्तान के शांति प्रयासों के बाद भी भारत उसे बार बार धमकी दे रहा है। आगे मुशर्रफ ने कहा कि ‘‘शायद, भारतीय सेना कारगिल की लड़ाई भूल गयी है।’’
आपको बता दें कि ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग के 76 वर्षीय अध्यक्ष परवेज मुशर्रफ ने रविवार को पार्टी के स्थापना दिवस समारोह पर दुबई से टेलीफोन से इस्लामाबाद में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सन् 1999 में इस संघर्ष को समाप्त करने लिए भारत को अमेरिकी राष्ट्रपति से मदद मांगनी पड़ी थी। परवेज मुशर्रफ ने अपने बिगड़ते स्वास्थ्य के चलते बीते साल राजनीतिक गतिविधियों से छुट्टी ली थी।
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मुशर्रफ बोले- पाकिस्तान की इच्छा को कमजोरी नहीं समझा जाना चाहिए
आगे परवेज मुशर्रफ ने कहा कि ”पाकिस्तानी राष्ट्र और सेना अपने खून के आखिरी कतरे तक संघर्ष करती रहेगी।” परवेज मुशर्रफ ने कहा, ”शांति की पाकिस्तान की इच्छा को कमजोरी नहीं समझा जाना चाहिए क्योंकि पाकिस्तानी सशस्त्र बल किसी भी भारतीय दुस्साहस को करारा जवाब देने के लिए तैयार हैं।”
मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार, सेहत में सुधार होने पर मुशर्रफ अब राजनीति में लौटने की योजना बना रहे हैं। सन् 1999-2008 तक पाकिस्तान पर शासन करने वाले परवेज मुशर्रफ को बेनजीर भुट्टो हत्याकांड और लाल मस्जिद हत्या मामले में भगोड़ा घोषित किया गया है।
परवेज मुशर्रफ सन् 2016 से ही दुबई में रह रहे हैं और सन् 2007 में संविधान को स्थगित करने को लेकर राजद्रोह के मामले का सामना कर रहे हैं। परवेज मुशर्रफ को इस मामले में सन् 2014 में अभ्यारोपित किया गया। राजद्रोह के मामले में दोषी करार देने पर मृत्युदंड या उम्रकैद का प्रावधान है।
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