पाक सेना के किस कदम की तारीफ कर रहे हैं पीएम इमरान खान
पाकिस्तान ट्रिब्यून अख़बार ने वित्त मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से बताया है अगले वित्तीय वर्ष का अनुमानित रक्षा बजट 1.270 ट्रिलियन रुपए है जो कि ख़त्म होते वित्तीय वर्ष के रक्षा बजट से 170 अरब रुपए ज़्यादा है।
इस्लामाबाद: आर्थिक संकट से गुज़र रहे पाकिस्तान की सेना ने अपने खर्चों में खुद ही कटौती की घोषणा की है।पाकिस्तानी सेना को अगले वित्तीय वर्ष के लिए अपने रक्षा बजट में कटौती पर मजबूर होना पड़ा। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने सेना के इस फ़ैसले का स्वागत किया है।
इमरान ख़ान ने ट्वीट किया, ''कई सुरक्षा चुनौतियों के बावजूद आर्थिक संकट की घड़ी में सेना की ओर से अपने ख़र्चे में की कटौती के फ़ैसले का स्वागत करता हूं। हम इन बचाए गए रुपयों को बलूचिस्तान और क़बायली इलाक़ों में ख़र्च करेंगे।''
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पाक सेना के इस क़दम के बारे में प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने ट्वीट कर जानकारी दी थी।
इसके बाद पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ़ गफ़्फूर ने ट्वीट कर कहा, ''एक साल के लिए सेना के डिफेंस बजट में कटौती का देश की सुरक्षा पर कोई असर नहीं होगा। हम हर ख़तरे को असरदार तरीक़े से जवाब देंगे। तीन सर्विस इस कटौती से होने वाले प्रभाव को संभालने का काम करेंगी। बलूचिस्तान और ट्राइबल इलाक़ों की बेहतरी के लिए ये एक ज़रूरी क़दम था।''
पाकिस्तान ट्रिब्यून अख़बार ने वित्त मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से बताया है अगले वित्तीय वर्ष का अनुमानित रक्षा बजट 1.270 ट्रिलियन रुपए है जो कि ख़त्म होते वित्तीय वर्ष के रक्षा बजट से 170 अरब रुपए ज़्यादा है। इस बजट में पूर्व सैनिकों की पेंशन, रणनीतिक खर्च और स्पेशल सैन्य पैकेज में होने वाले खर्च शामिल हैं।
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पाकिस्तानी सेना ने अपने खर्चों में ख़ुद से कटौती की तो सोशल मीडिया पर तारीफ़ होने लगी।
डॉ आएशा नाम की यूज़र ने लिखा, ''पाकिस्तान के इतिहास में ये पहली बार हो रहा है, जब सेना अपने बजट में ख़ुद से कटौती कर रही है। सेना आप वाक़ई इज़्ज़त के क़ाबिल हैं।''
ज़ुबैर ने लिखा, ''ये एक तारीफ़ लायक क़दम है. उम्मीद करते हैं कि फंड मुहैया कराते हुए पारदर्शिता बरती जाएगी।''
अब सेना ने भले ही रक्षा बजट में कटौती की बात की है लेकिन फ़रवरी में पाकिस्तानी सरकार ने ये फ़ैसला किया था कि देश के रक्षा बजट में किसी तरह की कटौती नहीं की जाएगी।
इसी दौर में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में सर्जिकल स्ट्राइक करने का दावा किया था।
तब दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात हो गए थे। हालांकि भारतीय वायुसेना के पायलट विंग कमांडर अभिनंदन की वापसी के बाद दोनों देशों के बीच हालात सामान्य होने लगे थे।
तब पाकिस्तान के सूचना एवं प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी ने कहा था, ''दूसरों के मुक़ाबले पाकिस्तान का रक्षा बजट पहले ही कम है। ऐसे में इसे बढ़ाने की ज़रूरत है न कि घटाने की। हमें अपना सुरक्षातंत्र मज़बूत करने के लिए डिफेंस बजट बढ़ाने ज़रूरत है। लेकिन इसके लिए राजस्व को बढ़ाना होगा।''
बीते महीने ही पाकिस्तानी सरकार ने कहा था कि सेना और सिविल संस्थाएं 2019-20 बजट के लिए अपना योगदान देंगी।
पाक प्रधानमंत्री के वित्तीय सलाहकार डॉ हफीज़ शेख ने कहा था, ''आगामी बजट चुनौतीपूर्ण रहने वाला है। हम सरकार के खर्चों को बेहद कम करने की कोशिश करेंगे।''
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कितना है पाकिस्तान का रक्षा बजट?
स्कॉटहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के मुताबिक़, 2018 में पाकिस्तान का कुल सैन्य खर्च 11.4 अरब डॉलर रहा था।
ये ख़र्च पाकिस्तान की कुल जीडीपी के चार फ़ीसदी के बराबर है।
2018 में भारत का सैन्य ख़र्च क़रीब 66.5 अरब डॉलर रहा था। इस मामले में 649 अरब डॉलर के साथ अमरीका पहले पायदान पर है।
कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से छह अरब डॉलर का बेल आउट पैकेज हासिल करने में सफल रहा था। 1980 के बाद पाकिस्तान के लिए आईएमएफ़ का ये 13वां बेलआउट पैकेज है।
यह क़र्ज़ पाकिस्तान को तीन सालों के दौरान मिलेगा। हालांकि इस समझौते पर अभी बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स की मुहर नहीं लगी है।