अमेरिका को रूस पर शक! कोरोना वैक्सीन को लेकर कही ये बात, उठाए सवाल
अमेरिका के प्रमुख संक्रामक रोग विशेषज्ञ एंथनी फाउची का कहना है कि उन्हें शक है कि ये वैक्सीन कोरोना वायरस पर काम करेगी। उन्होंने कहा कि वैक्सीन बनाना और उस वैक्सीन को सुरक्षित और प्रभावी साबित करना दोनों अलग-अलग चीजें हैं।
नई दिल्ली: पूरी दुनिया इस वक्त कोरोना वायरस संकट का सामना कर रही है। दुनियाभर के तमाम देशों की हालत इस महामारी ने पस्त कर रखी है। इस बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन बना लेने का दावा कर दुनिया को एक नई उम्मीद दी है। उनका दावा है कि यह वैक्सीन कोरोना से लड़ने में कारगर और सुरक्षित है। साथ ही शरीर में बेहतर इम्युनिटी भी तैयार करती है। यहीं नहीं उनका कहना है कि उनकी बेटी को भी यह वैक्सीन लगी है।
वैक्सीन के नहीं हैं कोई साइड इफेक्ट
उन्होंने कहा कि इस वैक्सीन की डोज उनकी बेटी ने भी ली है और इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं दिखा। उन्हें थोड़ा बुखार आया, लेकिन बाद मे यह ठीक हो गया और वह बिल्कुल स्वस्थ हैं। साथ ही उनके शरीर में एंटीबॉडीज का स्तर भी अधिक दिखा। राष्ट्रपति पुतिन का दावा है कि वैक्सीन सभी सुरक्षा मानकों पर खरी उतरी है और जल्दी बड़ी संख्या में इसका उत्पादन किया जाएगा। वहीं, दुनिया के 20 से अधिक देशों ने इस रूसी वैक्सीन की करोड़ों डोज की मांग की है। फिलीपींस के राष्ट्रपति ने इस वैक्सीन को लगवाने की घोषणा तक कर दी है।
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अमेरिका ने वैक्सीन को लेकर जताया संदेह
हालांकि राष्ट्रपति पुतिन के इस दावे पर कई वैज्ञानिक शक जता रहे हैं। उनके इन दावों के बाद से ही उस पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। अमेरिका ने भी रूस की कोरोना वैक्सीन को लेकर शक जताया है। अमेरिका के प्रमुख संक्रामक रोग विशेषज्ञ एंथनी फाउची का कहना है कि उन्हें शक है कि ये वैक्सीन कोरोना वायरस पर काम करेगी। एक सामूहिक चर्चा के दौरान फाउची ने कहा कि वैक्सीन बनाना और उस वैक्सीन को सुरक्षित और प्रभावी साबित करना दोनों अलग-अलग चीजें हैं।
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कोरोना वैक्सीन को रेगुलेटरी मंजूरी
एंथनी फाउची का ये बयान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उस एलान के बाद सामने आया है, जिसमें उन्होंने रूस द्वारा बनाई गई दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन को रेगुलेटरी मंजूरी मिलने की बात कही थी। पुतिन का कहना है कि यह COVID-19 वैक्सीन अपने क्लिनिकल ट्रायल में कारगर साबित हुई है और कोरोना वायरस य अपने क्लिनिकल ट्रायल में कारगर साबित हुई है और कोरोना वायरस के खिलाफ शरीर में बेहतर इम्यूनिटी बनाने में भी सफल रही है।
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वैक्सीन ने पूरा नहीं किया है तीसरे चरण का ट्रायल
हालांकि रूस की इस वैक्सीन ने अपने तीसरे चरण का ट्रायल अभी पूरा नहीं किया है। जिस वजह से अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इस वैक्सीन के कोरोना पर प्रभावी होने को लेकर संदेह जारी किया है। अमेरिका के प्रमुख संक्रामक रोग विशेषज्ञ एंथनी फाउची का कहना है कि अब तक उन्हें कोई ऐसा सबूत नहीं मिला है जिससे पुतिन के कारगर कोरोना वैक्सीन बना लेने के एलान पर यकीन किया जा सके।
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वैक्सीन का सुरक्षित और प्रभावी साबित होना आवश्यक
फाउची ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि रूस के लोगों ने निश्चित तौर पर इस वैक्सीन के सुरक्षित और असरदार होने को साबित किया होगा। हालांकि मुझे शक है कि उन्होंने ऐसा किया होगा। फाउची ने कहा कि अमेरिकियों को यह समझना चाहिए कि वैक्सीन की मंजूरी पाने के लिए उसका सुरक्षित और प्रभावी साबित होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस की सुरक्षित वैक्सीन इस साल के अंत तक आ जाएगी। हालांकि उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि एक सुरक्षित और प्रभावी वैक्सीन की गारंटी कभी नहीं दी जा सकती।
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