साउदी अरब का ऐतिहासिक फैसला, अब नहीं होगा ऐसा, पूरी दुनिया कर रही तारीफ

सऊदी में अब नाबालिग आपराधियों को मृत्यु दंड की सजा नहीं दी जायेगी। इसके अलावा सऊदी में सार्वजानिक रूप से कोड़ा मारने की सजा को ख़तम कर दिया गया है।

Update: 2020-04-27 10:18 GMT

सऊदी अरब दुनिया में अपने कड़े नियमों और कायदों को लिए जाना जाता है। या यूं कहें कि सऊदी अरब में मानवाधिकारों की कोई वैल्यू नहीं है। यहां की प्रथाएं और तरीके बहुत ही खराब हैं। लेकिन अब सऊदी अरब ने कुछ ऐसे फैसले लिए हैं जिनकी तारीफ़ सऊदी अरब समेत पूरी दुनिया में हो रही है। सऊदी में अब नाबालिग आपराधियों को मृत्यु दंड की सजा नहीं दी जायेगी। इसके अला वाद सऊदी अरब ने दूसरा फैसला सार्वजानिक रूप से कोड़ा मारने की सजा के विषय में लिया है। सऊदी में अब ये सजा भी नहीं दी जायेगी। इन दोनों फैसलों की पूरी दुनिया में जमकर तारीफ हो रही है।

नाबालिग अपराधियों को अब नहीं मिलेगा मृत्यु दंड

सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने दो ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। जिनकी पूरी दुनिया में जमकर सराहना हो रही है। प्रिंस ने सऊदी में वर्षों से चली आ रही नाबालिग अपराधियों को मृत्यु दंड देने की सजा को ख़तम कर दिया इसके साथ ही साउदी क्राउन की तरफ से सऊदी में सार्वजनिक रूप से दी जानी वाली कोड़े मारने की सजा को भी समाप्त कर दिया गया है। ये दो फैसले सऊदी के इतिहास के सबसे बड़े फैसलों में से एक हैं।

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सऊदी अरब की रॉयल डिक्री का जिक्र करते हुए मानवाधिकार आयोग की अध्यक्ष अवाद अलवद ने बयान जारी कर कहा कि नाबालिग रहते हुए जिन लोगों ने अपराध किए हैं, सिर्फ उन्हीं को मृत्युदंड नहीं दिया जाएगा। मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष अवाद अलवद ने बताया कि मृत्युदंड के बजाय नाबालिग अपराधियों को अब जुवेनाइल डिटेंशन फैसिलिटी में अधिकतम 10 साल जेल की सजा दी जाएगी।

सजा देने में दुनिया में सबसे आगे साउदी

मानवाधिकार की अध्यक्ष ने इस फैसले पर ख़ुशी जताते हुए कहा कि यह दिन सऊदी अरब के लिए काफी महत्वपूर्ण दिन है। इस रॉयल डिक्री से हमें आधुनिक कानून व्यवस्था लागू करने में मदद मिलेगी। इस फैसले का सबसे पहला लाभ उन 6 लोगों को मिलेगा जो इस समय इस सजा को पाने के आरोपी थे। ये लोग शिया समुदाय के हैं। इन्हें ,मृत्यु दंड की सजा मिलनी थी। इन 6 आरोपियों पर रब स्प्रिंग आंदोलन के दौरान सरकार-विरोधी प्रदर्शनों में शामिल होने का आरोप है। जिस वक्त ये पकडे गए थे उस वक्त इनकी उम्र 18 साल से कम थी। ज्ञात हो कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने पिछले साल इन आरोपियों की फांसी को रोकने की बात सऊदी अरब से कही थी।

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इस्लामिक कंट्री साउदी में काफी सख्त कायदे क़ानून हैं जिसकी वजह से इसको काफी संकीर्ण सोच वाला देश माना जाता है। लेकिन जबसे सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को साउदी की सत्ता मिली है वो वहां लगातार सुधार कर रहे हैं। सऊदी की इस छोटी सोच वाले देश में काफी कुछ बदलाव करने की कोशिश कर रहे हैं। बाकी मामलों में संकीर्ण सोच वाला ये देश सजा देने के मामलों में दुनिया में नंबर एक है। साउदी में आतंकवाद, रेप, लूट, ड्रग ट्रैफेकिंग समेत तमाम मामलों में मृत्युदंड का प्रावधान है। आधिकारिक डेटा के मुताबिक, 2019 में सऊदी अरब ने 187 लोगों को मौत की सजा दी। साउदी में जनवरी से अब तक कुल 12 लोगों को मृत्युदंड दिया जा चुका है।

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