पाकिस्तान में हिन्दू लड़कियों के साथ खेला जा रहा गंदा खेल, छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल

पाकिस्तान के अंदर सेना की वर्दी पहनने वाले शिक्षक बच्चों को बताते हैं कि हमें बंदूकों और बमों से प्यार करना चाहिए। जो लोग ऐसा करते हैं उन्हें इज्जत देनी चाहिए, क्योंकि वे हिंदू माताओं को मारने के काम आते हैं। ये हिंदू औरतें ही हिंदू बच्चों को जन्म देती हैं।

Update:2020-10-15 10:48 IST
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के ऊपर बात -बात पर ईशनिंदा कानून लागू किया जाता है और उत्पीड़न के लिए इस कानून का इस्तेमाल किया जाता है।

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के अंदर अल्पसंख्यकों (हिंदुओं, यहूदियों और बलोचों) के साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है।

इनके बहु-बेटियों की अस्मत लूटने और हत्या की खबरें पाकिस्तान के अंदर से आएं दिन आती रहती हैं।

पाकिस्तान का जब इतने से भी मन नहीं भरा तो उसने नफरत का रास्ता अपना लिया।

अब पाकिस्तान के स्कूलों में हिंदुओं, यहूदियों और बलोचों के प्रति नफरत पैदा करने वाले पाठ बच्चों को प़़ढाए जा रहे हैं। ऐसा करके पाकिस्तान अल्पसंख्यकों के प्रति एक अलग तरह का माहौल तैयार करना चाहता है। जहां इस्लाम को मानने वाले लोग गैर इस्लामिक लोगों के साथ घृणा के साथ पेश आये। उन्हें मारा और पीटा जाये।

पाकिस्तान के मदरसों में नफरत और आतंकवाद का पाठ पढ़ते मुस्लिम बच्चे(फोटो:सोशल मीडिया)

पाकिस्तान के अंदर अल्पसंख्यकों को आगे बढ़ने से रोकना मकसद

उन्हें किसी भी तरह से आगे बढ़ने से रोकना ही बस अब पाकिस्तान का मसकद बनता जा रहा है। ये तमाम आरोप बलोचों के अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे मुनीर मेंगल ने संयुक्त राष्ट्र के जिनेवा स्थित ऑफिस में कही है।

मेंगल बलोच वॉयस एसोसिएशन के प्रमुख हैं। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के डर्बन घोषणा और योजना कार्य दल के समक्ष कहा, सेना द्वारा चलाए जा रहे उच्च स्तरीय कैडेट कॉलेज में बच्चों को जो पहला पाठ प़़ढाया जा रहा है, उसमें बताया गया है कि हिंदू काफिर होते हैं और यहूदी इस्लाम के दुश्मन होते हैं।

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लाइब्रेरी के अंदर रखी किताबों की फोटो(सोशल मीडिया)

पाकिस्तान के स्कूलों में पढ़ाया जा रहा नफरत भरा पाठ

उन्होंने आगे ये भी कहा कि ये नफरत भरी बातें पाकिस्तान के स्कूलों और मदरसों में इस समय प़़ढाई जा रही हैं। इन बातों को कहने वाली किताबें स्कूलों के सिलेबस में हैं। इनके जरिये बच्चों को बचपन से उन्मादी और आतंकी मानसिकता का बनाया जाता है। हिंदू काफिर होते हैं और यहूदी इस्लाम के दुश्मन होते हैं।

इसलिए दोनों समुदाय के लोग मौत के हकदार होते हैं। इसमें सेना की वर्दी पहनने वाले शिक्षक बच्चों को बताते हैं कि हमें बंदूकों और बमों से प्यार करना चाहिए। जो लोग ऐसा करते हैं उन्हें इज्जत देनी चाहिए, क्योंकि वे हिंदू माताओं को मारने के काम आते हैं। ये हिंदू औरतें ही हिंदू बच्चों को जन्म देती हैं।

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विरोध करने पर या तो गायब कर दिया जाता है या फिर जेल में बंद कर दिया जाता है

उन्होंने ये भी कहा कि पाकिस्तान के अंदर गैर इस्लामिक लोगों के साथ ही ईशनिंदा कानून उत्पीड़न के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

सामान्य कहासुनी की घटनाओं में इस कानून का अल्पसंख्यकों के खिलाफ इस्तेमाल होता है। पाकिस्तानी सुरक्षा बल लोगों पर बर्बरता के साथ जुल्म और अत्याचार करते हैं। विरोध करने वालों को या तो अघोषित रूप से जेल में डाल दिया जाता है। या फिर गायब कर दिया जाता है।

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