वाह रे मुनीर अकरम! गर्लफ्रेंड से मारपीट, जरदारी से टकराव, ऐसा है प्रेजेंट और पास्ट
मुनीर अकरम राजनीति शास्त्र के विद्यार्थी रहे हैं, उन्होंने कराची विश्वविद्यलाय से पॉलिटिकल साइंस में M.A. किया है, 1968 में सेंट्रल सुपीरियर सर्विस की परीक्षा पास कर वे पब्लिक सर्विस में आए, 1969 में वे विदेश सेवा में आए। उनकी पहली पोस्टिंग यूएन में सेकेंड सेक्रेटरी के तौर पर हुई।
न्यूयॉर्क: पाकिस्तान ने मलीहा लोधी की जगह जिस डिप्लोमैट को संयुक्त राष्ट्र में अपना स्थायी प्रतिनिधि बनाया है, खबर है कि इस नए पाकिस्तानी अधिकारी का अतीत भी स्कैंडल और विवादों से भरा हुआ है।
बता दें कि मुनीर अकरम जिस पद पर तैनात किए गए हैं, 2003 में परवेज मुशर्रफ ने उन्हें उसी पद पर नियुक्त किया था, लेकिन यूएन जैसे ऑफिस में काम करने के बावजूद मुनीर अकरम ने अपनी गर्लफ्रेंड पर हमला किया था।
कहा जा रहा है कि मामला इतना बिगड़ा था कि मुनीर की गर्लफ्रेंड ने लगभग आधी रात को अमेरिकी पुलिस को बुला लिया था, आसिफ अली जरदारी जब पाकिस्तान के राष्ट्रपति बने तो उन्हें यूएन से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
मुनीर अकरम पर एक नजर....
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मुनीर अकरम राजनीति शास्त्र के विद्यार्थी रहे हैं, उन्होंने कराची विश्वविद्यलाय से पॉलिटिकल साइंस में M.A. किया है, 1968 में सेंट्रल सुपीरियर सर्विस की परीक्षा पास कर वे पब्लिक सर्विस में आए, 1969 में वे विदेश सेवा में आए। उनकी पहली पोस्टिंग यूएन में सेकेंड सेक्रेटरी के तौर पर हुई।
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कई देशों में काम करने के बाद 1995 में वे यूएनओ के जेनेवा ऑफिस में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि बने। 2003 में पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने उन्हें अहम जिम्मेदारी दी और न्यूयॉर्क स्थित यूएन ऑफिस में स्थायी प्रतिनिधि नियुक्त किया।
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गर्लफ्रेंड से मारपीट कर चर्चा में आये...
कहा जा रहा है कि मुनीर अकरम की ये पोस्टिंग विवादों में रही है, 2003 में ही पाकिस्तान सुरक्षा परिषद का दो सालों के सदस्य बना था, मुनीर को ये जिम्मेदारी निभानी थी।
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इराक संकट और उत्तर कोरिया पर गंभीर चर्चा करने के बजाय तब 57 साल के रहे मुनीर अकरम अपने से 22 साल की जूनियर यूरोपियन मूल की एक लड़की के साथ अफेयर में फंस गए थे।
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कहा जा रहा है कि 2002 में दिसंबर में जब न्यूयॉर्क के लोग क्रिसमस की तैयारी कर रहे थे तो रात लगभग 1 बजे, न्ययॉर्क पुलिस को एक महिला ने फोन किया कि एक शख्स ने उसके साथ मारपीट की है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ये महिला थी 35 साल की मरिजाना मिहिक, पुलिस मिहिक की शिकायत पर जब घटनास्थल पहुंची तो जिस शख्स के खिलाफ शिकायत मिली थी उसने अपना परिचय राजदूत के तौर पर दिया था।
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साथ ही युवक के राजदूत होने की वजह से उन्हें राजनयिक संरक्षण मिला था, इसलिए न्यूयॉर्क पुलिस उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सकी। कहा जा रहा है कि इस घटना की वजह से पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय मंच पर बड़ी बेइज्जती हुई।
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आसिफ ने दिखाया बाहर का रास्ता...
खबर है कि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता और पूर्व पीएम बेनजीर भुट्टो के पति आसिफ अली जरदारी जब पाकिस्तान के राष्ट्रपति बने तो उन्होंने आसिफ अली जरदारी को यूएन से बाहर कर दिया।
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दरअसल आसिफ अली जरदारी बेनजीर भुट्टो की हत्या का मामला यूएन में ले जाना चाहते थे, लेकिन मुनीर अकरम इससे सहमत नहीं थे, इसके बाद यूएन से उनकी छुट्टी कर दी गई।