समुद्र में भीषण आग: सेना भागी जान बचाकर, भारत से मदद मांग रहा ये देश

श्रीलंका के समुद्री तट से बड़ी खबर आ रही है। यहां 37 समुद्री मील पूर्व समुद्र में तैनात एक तैल के टैंकर जिसका नाम 'एमटी न्यूडायमंड' में आग लग गई। ऐसे में भीषण आग लगने के बाद श्रीलंकाई नौसेना ने भारतीय तटरक्षक बल से मदद मांगी है।

Update: 2020-09-03 11:55 GMT
श्रीलंका के समुद्री तट से बड़ी खबर आ रही है। यहां 37 समुद्री मील पूर्व समुद्र में तैनात एक तैल के टैंकर जिसका नाम 'एमटी न्यूडायमंड' में आग लग गई। ऐसे में भीषण आग लगने के बाद श्रीलंकाई नौसेना ने भारतीय तटरक्षक बल से मदद मांगी है।

कोलंबो। श्रीलंका के समुद्री तट से बड़ी खबर आ रही है। यहां 37 समुद्री मील पूर्व समुद्र में तैनात एक तैल के टैंकर जिसका नाम 'एमटी न्यूडायमंड' में आग लग गई। ऐसे में भीषण आग लगने के बाद श्रीलंकाई नौसेना ने भारतीय तटरक्षक बल से मदद मांगी है। जिसके चलते तत्काल मदद के लिए भारतीय तटरक्षक बल ने जहाज और एयरक्राफ्ट की तैनाती की है। जानकारी देते हुए भारतीय तटरक्षण बल ने बताया कि तेल टैंकर एमटी न्यू डायमंड को बचाने के लिए भारतीय बल के जहाज शौर्य, सारंग, समुंद्र पहारेदार और डोर्नियर एयरक्राफ्ट को डायवर्ट किया गया।

ये भी पढ़ें... बस हादसे से हाहाकार: हर तरफ मची चीख-पुकार, सौं से ज्यादा लोग थे सवार

भारतीय तटरक्षक बल ने जिम्मेदारी उठाई

समुद्र मेें तैनात तेल टैंकर 'एमटी न्यू डायमंड' को आग से बचाने के लिए भारतीय तटरक्षक बल ने जिम्मेदारी उठाई है। जिसके लिए तत्काल प्रभाव से काम शुरू कर दिया गया है। इंडियन कोस्ट गार्ड के जहाज शौर्य, सारंग, समुद्र पहरेदार और डोर्नियर एयरक्राफ्ट को डायवर्ट किया गया।

इससे पहले हाल ही में जापान का तेल जहाज एमवी वाकाशिओ 25 जुलाई को मॉरीशस के दक्षिण पूर्वी तट के पास मूंगे की चट्टान से टकरा गया था। इस टक्कर के चलते जहाज के निचले भाग में दरारें पड़ गई थीं, जिसकी वजह से यह दो हिस्सों में टूट गया था।

इस जहाज में चार हजार टन तेल लदा था, जिसमें से एक हजार टन तेल पहले ही समुद्र में बह गया था। भारत ने जापानी जहाज से तेल रिसाव के चलते पर्यावरणीय संकट का सामना कर रहे मॉरीशस को मदद भेजी थी।

ये भी पढ़ें...मोदी बने महादानी: 100 करोड़ रुपए कर चुके हैं दान, अपनी बचत से किया योगदान

भारत से मदद मांगी

ऐसे में मॉरीशस ने हालात से निपटने के लिए भारत से मदद मांगी थी। मॉरीशस के अनुरोध करते ही समुद्र में तेल के फैलाव को रोकने के लिए भारत ने वायुसेना के विमान से 30 टन उपकरण व सामग्री के साथ ही एक विशेष टीम भेजी थी।

इसके साथ ही मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ देश के लिए इसे गंभीर खतरा बताते हुए पर्यावरणीय आपातकाल की घोषणा की थी। जिस क्षेत्र में तेल बहा था वह कछुओं समेत दुर्लभ प्रजाति के समुद्री जीव जंतुओं का घर माना जाता है। जिससे भारी-भरकम समुद्री जीव-जंतुओं की जान खतरे में थी।

ये भी पढ़ें...देश में कोरोना के अब तक 4.50 करोड़ टेस्ट किए जा चुके: स्वास्थ्य मंत्रालय

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Tags:    

Similar News