चीन-अमेरिका ट्रेड वॉर: अब चले इस राह पर, एक-दूसरे को दी रियायतें

अमेरिका और चीन के बीच करीब एक साल से ट्रेड वॉर जारी है जिसके प्रभाव से भारत समेत अन्य देश भी अछूते नहीं हैं। इस व्यापारिक तनाव से दोनों देशों को भी नुकसान काफी नुकसना हुआ है। लेकिन इस बीच दोनों के बीच सुलह होती दिख रही है। अमेरिका और चीन ने एक-दूसरे को कुछ रियायतें दी हैं।

Update:2023-04-21 17:52 IST

नई दिल्ली: अमेरिका और चीन के बीच करीब एक साल से ट्रेड वॉर जारी है जिसके प्रभाव से भारत समेत अन्य देश भी अछूते नहीं हैं। इस व्यापारिक तनाव से दोनों देशों को भी नुकसान काफी नुकसना हुआ है। लेकिन इस बीच दोनों के बीच सुलह होती दिख रही है। अमेरिका और चीन ने एक-दूसरे को कुछ रियायतें दी हैं।

बुधवार को चीन सरकार ने कुछ कैंसर रोधी अमेरिकी दवाओं और कुछ अन्य वस्तुओं को टैरिफ से छूटी दी। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसका स्वागत किया और अरबों डॉलर की चीनी वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ाने के निर्णय को 15 दिन के लिए टाल दिया।

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इसके पहले दोनों देश ट्रेड वॉर को लेकर वार्ता करने को तैयार हुए थे। इस खबर के आने के बाद गुरुवार को सुबह एशियाई शेयर बाजारों में बढ़ोत्तरी हुई। दुनिया की इन दोनों बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच ट्रेड वॉर बढ़ जाने से पूरी दुनिया के शेयर बाजारों और पूरी अर्थव्यवस्था को मुश्किलों का सामना करना पड़ा।

चीन ने पहले की पहल

चीन ने 16 तरह के अमेरिकी उत्पादों पर पहली बार टैक्स पर छूट दिया है। इनमें कुछ कैंसर रोधी दवाएं, ल्युब्रिकैंट्स, पशु-मछली चारा आदि शामिल हैं। इसे चीन द्वारा उठाया गया एक बड़ा कदम और सकारात्मक संकेत के तौर देखा जा रहा है।

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इसके बाद ट्रंप ने ट्वीट कर कहा कि अमेरिका इस बात पर राजी हुआ है कि 250 अरब डॉलर के चीनी आयात पर टैरिफ बढ़ाने के निर्णय को 1 अक्टूबर से टालकर 15 अक्टूबर से लागू किया जाए।

बता दें कि अमेरिका ने चीनी माल पर टैरिफ 25 से बढ़ाकर 30 फीसदी करने का निर्णय लिया है।

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चीन को नुकसान

ट्रेड वॉर का असर चीन की जीडीपी और मुद्रा पर भी पड़ रहा है। पिछली तिमाही में चीन की विकास दर पिछले 27 वर्षों में सबसे कम रही। इसके अलावा बेरोजगारी में भी वृद्धि हुई है। 2018 में चीन में 4.9 प्रतिशत बेरोजगारी थी जो कि अब 5.3 प्रतिशत हो गई है।

अमेरिकी कंपनियां चिंतित

एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी की 75 प्रतिशत कंपनियां नहीं चाहती कि चीन पर अतिरिक्त शुल्क लगाया जाए, क्योंकि इससे उनके रेवेन्यू पर फर्क पड़ रहा है। हालांकि प्रेजिडेंट ट्रंप का कहना है कि चीन के सामान पर अतिरिक्त आयात शुल्क लगने से चीन की ही अर्थव्यवस्था को नुकसान हो रहा है।

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