दुनिया की सबसे बड़ी पंचायत हो गई कंगाल! 1600 करोड़ से ज्यादा का घाटा

दुनिया की सबसे बड़ी पंचायत संयुक्त राष्ट्र (यूएन) कंगाली की कगार पर है या कहें कंगाल हो चुका है। संयुक्त राष्ट्र महासिचव एंतोनियो गुतारेस के बयान के बाद यह जानकारी सामने आई है। यूएन महासिचव ने कहा कि वैश्विक निकाय कोष की कमी से जूझ रहा है।

Update: 2023-07-23 11:47 GMT

नई दिल्ली: दुनिया की सबसे बड़ी पंचायत संयुक्त राष्ट्र (यूएन) कंगाली की कगार पर है या कहें कंगाल हो चुका है। संयुक्त राष्ट्र महासिचव एंतोनियो गुतारेस के बयान के बाद यह जानकारी सामने आई है। यूएन महासिचव ने कहा कि वैश्विक निकाय कोष की कमी से जूझ रहा है।

एंतोनियो गुतारेस ने बताया कि यूएन के पास 23 करोड़ डॉलर (1631.4 करोड़ रुपए) नकदी की कमी है और अक्टूबर के अंत तक उसके पास रखा पैसा पूरी तरह खत्म होने की आशंका है।

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संयुक्त राष्ट्र सचिवालय में काम करने वाले 37,000 कर्मचारियों को लिखे पत्र में गुतारेस ने सोमवार को कहा कि कर्मचारियों को वेतन और अन्य भत्ते देने के लिये खर्चों में कमी लाने को लेकर अतिरिक्त कदम उठाए जाएंगे।

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संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ने कहा कि सदस्य देशों ने 2019 के लिए जरूरी हमारे नियमित बजट का केवल 70 प्रतिशत ही भुगतान किया है जिसकी वजह से सितंबर में निकाय के पास 23 करोड़ डॉलर नकदी की कमी है। हमारे समक्ष इस महीने के अंत तक पहले से पड़े नकदी भंडार के समाप्त होने का जोखिम है।

गुतारेस ने खर्च में कमी लाने के लिए सम्मेलनों, बैठकों को टालने और सेवाओं में कटौती की बातें कही हैं। उन्होंने केवल जरूरी कामकाज को लेकर ही आधिकारिक यात्रा तथा ऊर्जा बचत के लिए कदम उठाने को कहा है।

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यूएन के अधिकारी के मुताबिक महासचिव ने सदस्य देशों से इस साल की शुरूआत में वैश्विक निकाय की नकदी संबंधी समस्या दूर करने के लिए योगदान राशि बढ़ाने के लिए कहा था, लेकिन सदस्य देशों ने इससे इंकार कर दिया।

गुतारेस ने यूएन की वित्तीय स्थिति के लिए सदस्य देशों को ही जिम्मेदार बताया। यूएन का बजट 2018-19 के लिए लगभग 5.4 अरब डॉलर था।

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