पाकिस्तान की अयोध्या पर नजर, भारत ने दिया ऐसे मुंहतोड़ जवाब

पाकिस्तान ने इस बार संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनेस्को में कश्मीर का मुद्दा तो उठाया ही साथ ही अयोध्या फैसले का मुद्दा भी यूनेस्को में रखा।

Update:2019-11-15 11:42 IST
पाकिस्तान की अयोध्या पर नजर, भारत ने दिया ऐसे मुंहतोड़ जवाब

पेरिस: 5 अगस्त को केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर के विशेषाधिकार खत्म किये जाने के बाद से ही पाकिस्तान इसे अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाने में लगा है। लेकिन हर बार उसे नाकामयाबी हाथ लगी है। लेकिन इसके बावजूद भी पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। पाकिस्तान ने इस बार संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनेस्को में कश्मीर का मुद्दा तो उठाया ही साथ ही अयोध्या फैसले का मुद्दा भी यूनेस्को में रखा।

पड़ोसी देश के DNA में ही आतंकवाद

इस पर भारत ने यूनेस्को जनरल कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए कहा कि, आतंकवाद उसके DNA में ही है। पड़ोसी देश की दूसरे के मामले में दखल देने की आदत बन गई है। भारत की प्रतिनिधि ने पाक के झूठे दावों को खारिज करते हुए कहा कि, पाकिस्तान दुष्प्रचार के साथ भारत के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप कर रहा है। अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कानूनी फैसला दिया है। लेकिन पाक जिस तरह की घृणास्पद बातें फैला रहा है, वो निंदनीय है और ये बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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पाकिस्तान का खोला किच्चा-चिठ्ठा

यूनेस्को में भारत की प्रतिनिधि ने कहा कि, पाकिस्तान अपने कारनामों को छिपाने के लिए हर बार भारत के आतंरिक मामलों के बारे में झूठे दावे करता है, जबकि उसके यहां आतंकवाद को सराहा जाता है और साथ ही अल्पसंख्यकों पर अत्याचार किये जाते हैं। भारत की प्रतिनिधि अनन्या अग्रवाल ने आगे कहा कि, 1947 में पाकिस्तान में 23 प्रतिशत अल्पसंख्यक थे जो अब केवल 3 फीसदी ही रह गए हैं। यहां पर सिखों, सिखों, ईसाइयों, शिया और अहमदिया मुसलमानों के खिलाफ कानून बनाए गए और उनके धर्म परिवर्तन की कोशिशें की जाती रही हैं।

ये हमारा आंतरिक मामला, किसी को हस्तक्षेप का अधिकार नहीं

इससे पहले भी भारत की प्रतिनिधि अनन्या अग्रवाल ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाह देते हुए कहा था कि, भारत के सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले पर जो फैसला दिया गया है, उस पर पाकिस्तान ने अनुचित टिप्पणियां की हैं, जो एक संप्रभु राष्ट्र का अपमान है। ये भारत का आंतरिक मामला है और किसी देश को इसमें हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है।

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