US-China Tension: चीन को अब समझ आएगा, ले ली बहुत बड़ी दुश्मनी, अमेरिका का ये सख्त फैसला बनेगा हानिकारक

US-China Tension: अमेरिका का मानना है कि ड्रैगन अमेरिकी निवेश का इस्तेमाल अपनी सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने में कर सकता है। इसलिए यह फैसला लिया गया है।

Update:2023-08-10 08:34 IST
US-China Tension (photo: social media )

US-China Tension: अमेरिका और चीन के रिश्तों में आई खटास लगातार बढती जा रही है। राष्ट्रपति जो बाइडन ने ड्रैगन के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए चीन में अमेरिकी निवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। अब अमेरिकी कंपनियां चीन की प्रमुख प्रौद्योगिकी कंपनियों में निवेश नहीं कर सकेंगी। दरअसल अमेरिका का मानना है कि ड्रैगन अमेरिकी निवेश का इस्तेमाल अपनी सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने में कर सकता है। इसलिए यह फैसला लिया गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बाइडन प्रशासन के इस आदेश से वेंचर कैपिटल और निजी इक्विटी फर्म सेमीकंडक्टर और माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक्स सहित इत्यादि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस एप्लीकेशन को बनाने के चीनी प्रयासों में अपना पैसा निवेश नहीं कर सकती है। अमेरिकी सरकार का कहना है कि यह फैसला देश की सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिया गया है। इस फैसले को देश की अगली पीढ़ी के लिए भी महत्वपूर्ण बताया गया है।

अमेरिका और चीन के बीच लगातार बढ़ रही तल्खी

एक ग्लोबल पॉवर के तौर पर चीन के उभार ने अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में हलचल मचा दी है। अमेरिका और चीन के बीच हाल के वर्षों में जिस तरह तनातनी बढी है, उसकी तुलना कुछ जानकार शीत युद्ध के समय से भी कर रहे हैं। जब दुनिया दो ध्रुवों में बंटी हुई थी। ट्रंप के राष्ट्रपति पद पर रहने के दौरान ड्रैगन और अमेरिका के रिश्ते में ऐतिहासिक गिरावट देखने को मिली थी। तत्कालीन अमेरिका राष्ट्रपति ने खुलेआम चीन के खिलाफ टैरिफ वार छेड़ दिया था। ऐसे में जब ट्रंप की सत्ता से विदाई हुई और बाइडन आए तो माना जा रहा था कि दोनों देशों के संबंध वापस पटरी पर आएंगे।

लेकिन ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला। ताइवान समेत अन्य मुद्दों को लेकर बाइडन प्रशासन और जी जिनपिंग के बीच जबरदस्त टकराव देखने को मिला। इस साल जून में पीएम मोदी के अमेरिका दौरे से ऐन पहले राष्ट्रपति बाइडन ने चीनी राष्ट्रपति को तानाशाह तक कह दिया था। दरअसल, बाइडन अमेरिकी आसमान में उड़ रहे चीनी जासूसी बैलून को लेकर भड़के हुए थे। जिसे मार गिराया गया था। बाइडन प्रशासन के ताजा फैसले ने एक बार फिर चीन और अमेरिका के रिश्तों में पनपे गहरे अविश्वास को जगजाहिर कर दिया है।

Tags:    

Similar News