US इंटेलिजेंस ने कोरोना वायरस पर किया बड़ा खुलासा, ट्रंप को नहीं हो रहा विश्वास

कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले देश अमेरिका और चीन में कोरोना को लेकर जारी जुबानी जंग के बीच अब एक नया मोड़ आ गया है।

Update: 2020-05-01 04:12 GMT

नई दिल्ली: चीन से फैले कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले रखा है। इस महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले देश अमेरिका और चीन में कोरोना को लेकर जारी जुबानी जंग के बीच अब एक नया मोड़ आ गया है। दरअसल, यूएस इंटेलिजेंस कम्युनिटी (USIC) ने गुरुवार को कहा कि कोरोना वायरस मानव निर्मित नहीं है। यानि एक तरफ से यूएस इंटेलिजेंस ने चीन को क्लीन चिट दे दी है।

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वायरस को जानबूझकर पैदा नहीं किया गया

इसके अलावा कम्युनिटी ने कहा है कि उन्हें पूरा यकीन है कि कोविड-19 ना तो किसी इंसान ने बनाया और ना ही इस वायरस को जानबूझकर पैदा किया गया है। गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का आरोप है कि चीन ने कोरोना वायरस को वुहान के लैब में तैयार किय है। उन्होंने एक बार व्हाइट हाउस में कहा था कि वुहान प्रांत से कोरोना वायरस के फैलने की शुरुआत हुई और चीन से हम खुश नहीं हैं। लेकिन चीन की तरफ से हमेशा इन बयानों को खारिज किया जाता रहा है।

जारी रखेंगे जांच

हालांकि कम्युनिटी ने यह भी कहा कि वो इस को लेकर जांच जारी रखेंगे कि कोरोना वायरस महामारी का फैलान किसी संक्रमित जानवर के इंसानी संपर्क में आने से हुआ या फिर यह चीन के लैब से फैलना चालू हुआ।

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ट्रंप को नहीं है अपनी ही एजेंसी पर भरोसा?

बता दें कि यूएस इंटेलिजेंस कम्युनिटी की तरफ से इस तरह का बयान सामने आने के बाद भी ट्रंप अपनी बातों पर अडिग हैं। उनका अब भी कहना है कि उन्हें पूरा भरोसा है और इस बात के सबूत हैं कि कोरोना वायरस को वुहान की लैब में बनाया गया था, हालांकि ट्रंप ने अभी इसके सबूतों को लेकर कोई भी जानकारी साझा करने से मना कर दिया।

चीन ने शुरुआत से ही चीन को ठहराया है जिम्मेदार

ट्रंप ने कोरोना वायरस फैलने के शुरुआत से ही चीन को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि उन्होंने इसके खिलाफ जांच शुरु कर दी है। ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका जर्मनी की तुलना में कोरोना से हुए नुकसान को लेकर चीन से ज्यादा हर्जाना लेगा।

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जर्मनी ने भी चीन से की है हर्जाने की मांग

बता दें कि कुछ दिनों पहले जर्मनी ने देश को लगातार नुकसान होता देख चीन से हर्जाने की मांग की है। चीन से गुस्साए जर्मनी ने वायरस के चलते हुए नुकसान की भरपाई के लिए उसको 149 बिलियन यूरो का बिल भेजा है। जर्मनी ने टूरिज्म से हुए 27 बिलियन यूरो का नुकसान, 7.2 बिलियन यूरो फिल्म इंडस्ट्री से हुए नुकसान, जर्मन एयरलाइंस और छोटे-छोटे बिजनेस को हुये 50 बिलियन यूरो के नुकसान की भरपाई करने के लिए चीन को 149 बिलियन यूरो हर्जाने की मांग की है।

अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी के नेताओं का क्या है कहना?

अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी के नेताओं का कहना है कि अगर चीन ने पारदर्शिता रखी होती और इस महामारी के शुरुआती चरणों में ही जानकारी साझा की होती तो दुनियाभर में इतनी मौतें ना होतीं और वैश्विक अर्थव्यवस्था के विनाश से बचा जा सकता था।

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