PM Modi US Visit: भारत के बारे में कोई नसीहत नहीं देंगे बाइडेन

PM Modi US Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान प्रेसिडेंट जो बाइडेन द्वारा भारत में लोकतांत्रिक मसलों के बारे में अमेरिकी चिंताओं को उठाने की संभावना है लेकिन वह मोदी को इस विषय पर लेक्चर नहीं देंगे।

Update:2023-06-21 18:11 IST
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी: Photo- Social Media

PM Modi US Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान प्रेसिडेंट जो बाइडेन द्वारा भारत में लोकतांत्रिक मसलों के बारे में अमेरिकी चिंताओं को उठाने की संभावना है लेकिन वह मोदी को इस विषय पर लेक्चर नहीं देंगे।

व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा है कि अमेरिकी प्रेस, धार्मिक या अन्य स्वतंत्रता संबंधी चुनौतियों को देखता है, लेकिन हम लेक्चर देने या यह दावा करने की कोशिश नहीं करते हैं कि हमारे पास स्वयं चुनौतियां नहीं हैं।"

सुलिवान ने संवाददाताओं से कहा - आखिरकार, भारत में राजनीति और लोकतांत्रिक संस्थानों का सवाल भारतीयों द्वारा निर्धारित किया जा रहा है। यह अमेरिका द्वारा निर्धारित नहीं किया जा रहा है।"

बाइडेन पर दबाव

प्रेसिडेंट बाइडेन पर उनके साथी डेमोक्रेट्स का दबाव है कि वह पीएम मोदी के साथ मानवाधिकारों का मुद्दा उठाएं। सुलिवन ने कहा, "यह यात्रा चीन के बारे में नहीं है। लेकिन सैन्य क्षेत्र, प्रौद्योगिकी क्षेत्र, आर्थिक क्षेत्र में चीन की भूमिका का सवाल बातचीत के एजेंडे में होगा।"

मोदी 21 जून को फर्स्ट लेडी जिल बिडेन के साथ नेशनल साइंस फाउंडेशन जाएंगे और उसी रात व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति के साथ निजी डिनर करेंगे। 22 जून को व्हाइट हाउस साउथ लॉन में रंगारंग रिसेप्शन समारोह के साथ मोदी का स्वागत किया जाएगा। इसके बाद, बिडेन और मोदी ओवल ऑफिस में वार्ता करेंगे। 22 जून की रात पीएम मोदी अपने सम्मान में राजकीय रात्रिभोज में शामिल होंगे।

संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस तय नहीं

अभी तक पीएम मोदी और बाइडेन की किसी संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की योजना नहीं है। व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि इस विषय पर अभी भी काम चल रहा है।

सुलिवन ने कहा कि बाइडेन इस साल के अंत में भारत में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन से पहले रूस और यूक्रेन का मुद्दा उठाएंगे। उन्होंने कहा - मुझे लगता है कि आप गहरी रणनीतिक चर्चाओं और व्यावहारिक प्रगति, संबंधों के हर एक आयाम में ठोस प्रगति का एक संयोजन देखेंगे, यह सब इस तथ्य को दर्शाता है और सुदृढ़ करता है कि यह हमारे दृष्टिकोण से परिभाषित करने वालों में से एक होगा।

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