WHO चीफ पर लगा इतना बड़ा आरोप, सफाई में दिया ऐसा जवाब
कोरोना वायरस को लेकर अमेरिका और चीन के बीच चल रहे विवाद का एक बड़ा हिस्सा विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी (WHO)के प्रमुख भी हैं। स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ. टड्रोस अधनोम घेब्रेसस एक बार फिर अमेरिका के निशाने पर हैं। इस बार अमेरिका की सीनेट ने उन्हें चीन की मदद करने के आरोप में गवाही देने के लिए पेश होने को कहा ।
जेनेवा कोरोना वायरस को लेकर अमेरिका और चीन के बीच चल रहे विवाद का एक बड़ा हिस्सा विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी (WHO)के प्रमुख भी हैं। स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ. टड्रोस अधनोम घेब्रेसस एक बार फिर अमेरिका के निशाने पर हैं। इस बार अमेरिका की सीनेट ने उन्हें चीन की मदद करने के आरोप में गवाही देने के लिए पेश होने को कहा ।
यह पढ़ें....इस सरकार ने लिया फैसला, लॉकडाउन के बाद खुलेंगी शराब की दुकानें, विपक्ष ने घेरा
कोरोना वायरस के अपडेट और गाइडलाइन्स जारी करने वाले डब्लयूएचओ के अध्यक्ष को अपने ही देश में तीन महामारियों को नजरअंदाज करने के आरोपों का सामना एक बार फिर करना पड़ रहा है। डॉ. टेड्रोस ऐडनम के ऊपर आरोप लगाया जा रहा है कि जब वह इथियोपिया के हेल्थ मिनिस्टर थे, तब उन्होंने वहां 3 बार फैली कॉलरा की महामारी को दर्ज ही नहीं किया था। टेड्रोस इन आरोपों का खंडन करते आ रहे हैं और उन्होंने कहा है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जो WHO के ऊपर चीन का पक्ष लेने का आरोप लगाया है, ताजा आरोप भी उसी का हिस्सा हैं।
टेड्रोस के ऊपर मई, 2017 में आरोप लगा था कि उन्होंने देश में 2006, 09 और 11 में तीन महामारियां दर्ज करने से ही इनकार कर दिया। प्रफेसर लैरी गॉस्टिन ने 2017 में न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया था कि टेड्रोस के ऊपर कॉलरा की महामारी की रिपोर्ट की पुष्टि करने की जिम्मेदारी थी। उन्होंने कथित तौर पर आगे कहा था, 'WHO अपना औचित्य खो देगा अगर उसे कोई ऐसा शख्स चलाएगा जो महामारियों पर पर्दा डालता हो।' उसी साल सूडान में भी कॉलरा को लेकर उन पर यही आरोप लगा था।
पिछले साल सितंबर में अमेरिका के डॉक्टरों ने टेड्रोस को खत लिखकर कहा था, 'सूडान में जो हो रहा है, उस पर आपकी चुप्पी की निंदा की जानी चाहिए। सूडान से जेनेवा पीड़ितों के सैंपल भेजने में आप असफल रहे जिसकी वजह से कॉलरा की आधिकारिक पुष्टि नहीं की जा सकी। हर दिन यह साबित हो रहा है कि यह एक महामारी है और इस तकलीफ के आप जिम्मेदार हैं।'
यह पढ़ें....इस सरकार ने लिया फैसला, लॉकडाउन के बाद खुलेंगी शराब की दुकानें, विपक्ष ने घेरा
टेड्रोस के ऊपर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने पर्यटन को नुकसान से बचाने के लिए 'कॉलरा' की जगह 'अक्यूट वॉटरी डायरिया' टर्म का इस्तेमाल किया था। WHO ने दावा किया था कि नाम अलग लिखने से बीमारी का सामने करने में कोई फर्क नहीं आता है। टेड्रोस ने इस आरोप का खंडन भी किया था और आरोप लगाया था कि उन्हें बदनाम करने के लिए ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं। गौर करने वाली बात यह है कि यह आरोप लगाने वाले प्रफेसर गॉस्टिन ने इस बारे में द टेलिग्राफ अखबार से यह कहते हुए बात करने से इनकार कर दिया कि वह इंटरव्यू बहुत पहले हुआ था।
दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।