आग से कांपी दुनिया: जल गए कई सारे जीव, अमेज़न के जंगलों में मचा हाहाकार

अमेजन के जंगलों में लगी आग ने जहां अरबों जानवरों को मौत के मुंह में धकेल दिया है। दुनिया के इस सबसे बड़े जंगल में लगी भीषण आग के कारण हवा जहरीली होती जा रही है।

Update:2020-08-31 15:37 IST
अमेजन के जंगलों में लगी आग ने जहां अरबों जानवरों को मौत के मुंह में धकेल दिया है। जंगल में लगी भीषण आग के कारण हवा जहरीली होती जा रही है।

नई दिल्ली। अमेजन के जंगलों में लगी आग ने जहां अरबों जानवरों को मौत के मुंह में धकेल दिया है। दुनिया के इस सबसे बड़े जंगल में लगी भीषण आग के कारण हवा जहरीली होती जा रही है। दुर्भाग्य से ब्राजील के राष्ट्रपरी जेर बोल्सोनारो आग से साफ़ इनकार करते हैं जबकि उन्हीं की सरकार के आंकड़े आग की भयावहता की तस्दीक करते हैं। पिछले साल भी अमेजन के जंगलों की आग ने पूरी दुनिया को सकते में डाल दिया था। तब भी बोल्सोनारो आग से निपटने में कोताही बरतते रहे।

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वनों की अंधाधुंध कटाई

ब्राजील का ये क्षेत्र पहले से ही कोविड-19 से बुरी तरह प्रभावित है और अब दूषित हवा की समस्या पैदा हो रही है। ह्यूमन राइट्स वाच संगठन के अनुसार इस साल के अभी तक के डाटा आग के खतरनाक स्तरों और वन कटाई के चिंताजनक हालात को दर्शाते हैं।

अनियंत्रित कटाई से होने वाली आग की घटनाओं से ब्राजील के लाखों लोगों की सांसें जहरीली हो रही हैं। न सिर्फ ब्राज़ील बल्कि पूरी पृथ्वी के लिए यहाँ के वन बेहद महत्वपूर्ण हैं।

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अमेजन के जंगल(फोटो-सोशल मीडिया)

गंभीर नतीजों की चेतावनी

रिसर्च में चेतावनी दी गयी है कि यह समस्या कोरोना वायरस महामारी के कारण और गंभीर हो जाएगी। कोरोना वायरस महामारी ने अमेजन के ब्राजील वाले हिस्से को बुरी तरह से प्रभावित किया है और आग की घटनाओं से मामला गंभीर हो सकता है।

ब्राजील में आमतौर पर अगस्त से अक्टूबर के बीच आग की घटनाएं बढ़ जाती हैं। इस वजह से अस्पतालों पर बोझ और अधिक बढ़ने की आशंका है। वायु प्रदूषण का असर उन पर भी सबसे अधिक होगा, इस आबादी के कोविड-19 की चपेट में आने की आशंका ज्यादा है।

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राष्ट्रपति की अजीब नीति

जहाँ दुनिया भर में जंगलों के संरक्षण की चिंता हो रही है वहीं ब्राज़ील के राष्ट्रपति बोल्सोनारो जंगलों की रक्षा की बजाये उनके सफाए के पक्षधर हैं और जंगलों में खनन आदि के तमाम प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी है।

ह्यूमन राइट्स वॉच ब्राजील की निदेशक मारिया लौरा कैनाइनु कहती हैं कि बोल्सोनारो प्रशासन की लगातार विफलता अमेजन के निवासियों के स्वास्थ्य को तत्काल प्रभावित कर रही है और वैश्विक जलवायु परिवर्तन के दीर्घकालिक नतीजों पर असर डालेगी।

फोटो-सोशल मीडिया

जमीन के भीतर आग

वेट लैंड में स्थित पेंटानल के जंगलों में जमीन के भीतर लगी यह आग सब कुछ खत्म करती जा रही है। इसके चलते जमीन की नमी खत्म होती जा रही है, तालाब और पोखर का पानी भाप बनकर उड़ रहा है। जमीन की नमी खत्म होने से जंगल को भारी नुकसान हो रहा है, बड़ी संख्या में जानवरों को जान से हाथ धोना पड़ रहा है और वे पलायन कर रहे हैं।

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आग को ऐसे काबू किया जा सकता

आग को काबू में करने के लिए अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों ने जंगल में जगह-जगह टावर बनाए हैं लेकिन कुछ दिनों बाद उन्हें पता चलता है कि उनके टावर के नीचे ही आग पहुंच गई। जमीनी आग को केवल गहरी ट्रेंच खोदकर ही काबू किया जा सकता है। लेकिन हजारों वर्ग किलोमीटर इलाके में ट्रेंच खोदना बहुत मुश्किल और काफी समय का काम है।

पेंटानल का जंगल करीब डेढ़ लाख वर्ग किलोमीटर इलाके में फैला हुआ है और यह बोलीविया और पैरागुए तक है। बताया जा रहा है कि इस बार यहां पर 15 साल की सबसे भयंकर आग लगी है। हफ्तों से लगातार 24 घंटे काम करने के बावजूद आग पर काबू नहीं पाया जा सका है, हजारों वर्ग किलोमीटर इलाके में लगे पेड़ और झाडि़यां नष्ट हो चुकी हैं।

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